पटना सचिवालय की घंटाघर की ऊंचाई घटेगी, एयरपोर्ट रनवे बढ़ेगा – सुरक्षित लैंडिंग के लिए बड़ा फैसला!

पटना प्रशासन का मास्टरप्लान: हवाई यात्राओं को सुरक्षित बनाने के लिए सचिवालय के घंटाघर की ऊंचाई घटाने और जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे को विस्तार देने का प्रस्ताव तैयार।

Patna Secretariat Clock Tower Runway Extension Plan
(Source: Google/Social Media Sites)
Highlights
  • सचिवालय घंटाघर की ऊंचाई 17.5 मीटर तक घटाई जा सकती है, जिससे लैंडिंग होगी सुरक्षित।
  • पटना एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 700 मीटर ज़मीन चिह्नित।
  • बर्ड हिट से बचाव हेतु 10 किमी क्षेत्र में खुले मांस बाज़ार और कूड़े के ढेर हटाए जाएंगे।

पटना: हवाई सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए पटना प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। एयरपोर्ट एनवायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी (AEMC) की बैठक में निर्णय लिया गया कि पटना सचिवालय स्थित ऐतिहासिक घंटाघर की ऊंचाई घटाई जाएगी और साथ ही जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Jayaprakash Narayan International Airport) के रनवे को दोनों ओर से बढ़ाया जाएगा।

इस बैठक की अध्यक्षता पटना प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह (Dr. Chandrashekhar Singh) ने की, जिसमें हवाई यातायात को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप लाने पर जोर दिया गया।

सचिवालय का घंटाघर बना है सुरक्षित लैंडिंग में बाधा

AEMC बैठक में बताया गया कि सचिवालय का घंटाघर, जिसकी ऊंचाई फिलहाल 49.5 मीटर है, विमान की सामान्य ग्लाइड स्लोप को बाधित कर रहा है। सामान्य स्थिति में जहाज को 3 डिग्री के कोण पर लैंड करना चाहिए, लेकिन घंटाघर की ऊंचाई के कारण यह कोण 3.25 से 3.5 डिग्री हो जाता है, जिससे रनवे की लंबाई 134 मीटर तक कम उपयोग में आ रही है और लैंडिंग जोखिम भरी हो रही है।

इस समस्या के समाधान हेतु, पटना एयरपोर्ट प्रशासन ने घंटाघर की ऊंचाई 17.5 मीटर कम करने का अनुरोध किया है। इसे लेकर जिलाधिकारी जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट सचिवालय विभाग को सौंपेंगे।

रनवे विस्तार के लिए 700 मीटर जमीन चिह्नित

पटना एयरपोर्ट का रनवे पहले से ही छोटा माना जाता है, जो बड़ी उड़ानों के लिए चुनौती बना हुआ है। प्रशासन ने 200 मीटर पश्चिम दिशा में और 500 मीटर पूर्व दिशा में रनवे विस्तार की योजना बनाई है।

पूर्व दिशा की जमीन का कुछ हिस्सा पटना चिड़ियाघर (Patna Zoo) में आता है, जिसे स्थानांतरित करने पर विचार किया जा रहा है। पर्यावरणीय नियमों को ध्यान में रखते हुए विस्तृत प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट सचिवालय विभाग को भेजा जाएगा।

बर्ड हिट से बचाव के लिए 10 किमी क्षेत्र में सख्ती

विमानों से पक्षियों की टक्कर रोकने के लिए, आयुक्त ने आदेश दिया कि हवाई अड्डे के 10 किमी के दायरे में खुले मांस और मछली के बाजार, कूड़े के ढेर और अन्य पक्षी-आकर्षक गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।

यारपुर में एक नया कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन तैयार हो रहा है, जो 15 अगस्त तक पुराने गर्दनीबाग डंपिंग यार्ड की जगह ले लेगा। पुराने स्थल को वेयरहाउस में बदल दिया जाएगा, जिससे वह पक्षियों के आकर्षण का केंद्र न बने।

पेड़ों की छंटाई और सफाई भी होगी नियमित

हवाई मार्ग के आसपास पेड़ों की ऊंचाई और फैलाव को भी नियंत्रित करने पर जोर दिया गया है ताकि टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान कोई बाधा न बने।

डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी विभागों को मिलकर पटना एयरपोर्ट को आधुनिक और सुरक्षित एयर हब में बदलने के लिए तेजी से कार्य करना होगा।”

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