1300 युवाओं से लाखों की ठगी! Patna के ‘SIDCO Trust’ का महाठग खेल, 9 राज्यों में फैला जाल

उत्तराखंड में मुकदमा दर्ज, Patna में रजिस्टर्ड ‘सिडको ट्रस्ट’ पर गंभीर आरोप, युवाओं से रोजगार के नाम पर वसूले गए हजारों रुपये

Sidco Trust Fraud Patna Uttarakhand Case
Sidco Trust Fraud Patna Uttarakhand Case (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • SIDCO Trust ने 1300 युवाओं से ₹6100 प्रति व्यक्ति लेकर की धोखाधड़ी
  • उत्तराखंड में केस दर्ज, Patna से रजिस्टर्ड है संस्था
  • 9 राज्यों में फैला नेटवर्क, अध्यक्ष और अन्य पर कानूनी शिकंजा

बिहार की राजधानी पटना में रजिस्टर्ड ट्रस्ट Small Industries Development Council (SIDCO) पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। उत्तराखंड के नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में इस ट्रस्ट के खिलाफ 1300 से अधिक युवाओं से रोजगार और प्रशिक्षण के नाम पर ठगी का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस केस में सिडको के अध्यक्ष सुगंध कुमार, कोषाध्यक्ष अभिषेक कुमार, सचिव अभय कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदीप सिंह ठाकुर को नामजद आरोपी बनाया है।

उत्तराखंड के देहरादून में खोला गया था कार्यालय

पुलिस जांच में सामने आया कि इस संस्था ने देहरादून के अजबपुर क्षेत्र में ऑफिस खोलकर युवाओं से सदस्यता और प्रशिक्षण के नाम पर ₹6100 प्रति व्यक्ति वसूले। संस्था का दावा था कि यह रकम केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार और युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देने के लिए ली जा रही है। लेकिन, दरोगा प्रवीन सिंह पुंडीर की जांच में संस्था की कार्यप्रणाली और बैंक खातों में लेनदेन संदिग्ध पाए गए।

सरकारी योजनाओं के नाम पर ली गई राशि गैरकानूनी

थाना अध्यक्ष संजीत कुमार के अनुसार जांच में यह साफ हो गया कि केंद्र या राज्य सरकार की किसी योजना में युवाओं से शुल्क लेने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में सिडको की गतिविधियां गैरकानूनी मानी गईं और देहरादून पुलिस ने IPC की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

सिडको अध्यक्ष को भेजा गया नोटिस, लेकिन नहीं पहुंचे

मामले में आरोपित संस्था के अध्यक्ष सुगंध कुमार को पुलिस ने नोटिस भेजा लेकिन वह बयान देने के लिए नहीं पहुंचे। पूछताछ में संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदीप ठाकुर और कैशियर आशिका गुप्ता से हुई बातचीत में खुलासा हुआ कि ट्रस्ट 9 राज्यों में सक्रिय है। ठगी की गई रकम HDFC और SBI के खातों में जमा कराई जा रही थी।

किस तरह की ट्रेनिंग और रोजगार? जवाब नहीं

जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि संस्था किस तरह की ट्रेनिंग देती है और उसका रोजगार से क्या संबंध है, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। पूछताछ में शामिल कई पीड़ित युवाओं ने बताया कि उन्हें कोई प्रमाणपत्र या स्थायी रोजगार नहीं मिला।

अब होगी पूरे देश में जांच

बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर समेत देश के कई राज्यों में सिडको की शाखाएं हैं। इसका लोगो और नाम सरकारी मंत्रालय से मिलते-जुलते हैं जिससे लोगों को भरोसा दिलाना आसान हो गया। लेकिन अब इस कथित “ट्रस्ट” की गतिविधियों पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस ने सभी खातों को खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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