बिहार के पूर्णिया जिले में 6 जुलाई की रात जो हुआ, उसने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। एक आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को पहले पीटा गया और फिर कथित तौर पर जला कर मार दिया गया। यह दिल दहला देने वाली घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई।
घटना की जानकारी सबसे पहले 16 वर्षीय सोनू नामक एक किशोर ने पुलिस को दी। उसने बताया कि काला जादू और टोटकों के शक में गांव के लोगों ने उसके पूरे परिवार को मार डाला।
DM और पुलिस ने दी बड़ी जानकारी
पूर्णिया के डीएम अंशुल कुमार ने इस जघन्य घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। FIR दर्ज हो चुकी है जिसमें 23 नामजद और 150-200 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
इस मामले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है। प्रशासन की तरफ से लगातार छापेमारी जारी है।
आयोग की सख्ती – मांगी गई 3 दिन में रिपोर्ट
घटना को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Tribes) की सदस्य आशा लाकड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए बताया कि आयोग ने बिहार सरकार से 3 दिन के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस मामले में अगर कोई प्रशासनिक लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिहार के पूर्णिया में आादिवासी परिवार की निर्मम हत्याकांड को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग गंभीरता से ली है ।
— Dr. Asha Lakra (@AshaLakra79) July 8, 2025
मामले की गम्भीरता को देखते हुए आयोग ने बिहार सरकार से तीन दिनों में रिपोर्ट देने को कही है।
रिपोर्ट आने के पश्चायत आयोग आगे की कार्रवाई करेगी।@NitishKumar… pic.twitter.com/IaHEYuuRey
गांव में तनाव, जांच जारी
घटना के बाद से पूरे गांव में तनाव का माहौल है। SDPO सदर पूर्णिया पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि पूरे गांव के लोग इस साजिश में शामिल थे, और पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।