राजद (RJD) के MLC सुनील सिंह को तगड़ा झटका देते हुए रांची हाईकोर्ट ने Biscomaun चुनाव के नतीजों पर लगी रोक हटा दी है।
अब यह साफ हो गया है कि Vishal Singh बिस्कोमान (Biscomaun) के नए चेयरमैन होंगे। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें चुनाव की वैधता को चुनौती दी गई थी। इस फैसले से न सिर्फ विशाल सिंह की ताजपोशी की राह खुल गई है, बल्कि सुनील सिंह और उनकी पत्नी Vandana Singh की उम्मीदों को भी गहरा झटका लगा है।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब Biscomaun में नई लीडरशिप की शुरुआत होगी, और विशाल सिंह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी बनेंगे जो इस संस्था के शीर्ष पद पर आसीन होंगे।
चुनाव प्रक्रिया में हुआ था जोरदार मुकाबला
Biscomaun के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए हाल ही में पटना कलेक्ट्रेट में वोटिंग हुई थी। इसमें कुल 20 सदस्यों ने भाग लिया, जिनमें 17 निर्वाचित और 3 मनोनीत सदस्य थे। अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला Vishal Singh और Vandana Singh के बीच था, जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए Mahesh Rai और Vinay Kumar मैदान में थे।
हालांकि वोटिंग के बाद मतगणना पर रोक लग गई थी। सुनील सिंह के वकील ने अदालत में दलील दी थी कि चुनाव प्रक्रिया में अनियमितता है। इसी को लेकर हाईकोर्ट ने अस्थायी रोक लगा दी थी। अब जब कोर्ट ने रोक हटाई है, तो परिणाम की घोषणा का रास्ता साफ हो गया है।
कौन हैं Vishal Singh?
Vishal Singh, Biscomaun के संस्थापक Tapeshwar Singh के पोते हैं। वे 35 वर्षीय युवा नेता हैं और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। 2023 में वे निर्विरोध NCCF के चेयरमैन बने थे।
उनके पिता Late Ajit Singh भी 1996 तक NCCF के चेयरमैन रहे थे और उनकी माँ Meena Singh, आरा से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। विशाल सिंह अब अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं जो Biscomaun के शीर्ष पर पहुंचने जा रहे हैं।
सुनील सिंह का 21 साल का लंबा कार्यकाल खत्म
Sunil Singh, RJD के सीनियर नेता और MLC, ने Biscomaun के अध्यक्ष पद पर 21 साल का लंबा कार्यकाल पूरा किया है। दो दशकों से ज्यादा तक उन्होंने संस्था को नेतृत्व दिया, लेकिन इस बार उन्हें जबरदस्त राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ा।
उनकी पत्नी Vandana Singh ने इस बार चुनाव लड़ा, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद अब यह तय है कि सत्ता की बागडोर विशाल सिंह के हाथों में जाएगी। यह बदलाव न सिर्फ Biscomaun के भीतर नई ऊर्जा लेकर आएगा, बल्कि RJD के लिए भी एक बड़ा सियासी संकेत है।