Tej Pratap Yadav का बड़ा खुलासा: Rabri Devi भेजती हैं आम, Lalu Prasad से नहीं होती बात

तेज प्रताप यादव ने कहा- पिता ने जो किया वो सिर आंखों पर, लेकिन अब बातचीत नहीं होती, मां आज भी भेजती हैं आम।

Tej Pratap On Rabri Lalu Relationship
Tej Pratap On Rabri Lalu Relationship (Source: BBN24/Google/Social Media)

पटना: Rashtriya Janata Dal (RJD) से निष्कासित नेता Tej Pratap Yadav ने एक साक्षात्कार में अपने माता-पिता Rabri Devi और Lalu Prasad Yadav के साथ मौजूदा रिश्तों पर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने बताया कि अब उनके पिता से कोई बातचीत नहीं होती है, लेकिन मां राबड़ी देवी आज भी उनके लिए आम भिजवाती हैं।

छह साल से पार्टी और परिवार से दूर हैं Tej Pratap

राजनीति और परिवार दोनों से कटे हुए तेज प्रताप यादव छह वर्षों से लगातार खुद को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। कभी वो सोशल मीडिया पर भावुक संदेश पोस्ट करते हैं तो कभी अपने आवास पर जनता दरबार लगाते हैं। उनके इस व्यवहार ने लोगों के बीच यह जिज्ञासा बढ़ा दी है कि परिवार से अलग होने के बाद उनके निजी रिश्ते अब कैसे हैं।

मां भेजती हैं आम, बात भी होती है

Tej Pratap Yadav ने कहा कि उनकी मां Rabri Devi से घरेलू बातचीत होती रहती है। उन्होंने बताया, “मां को चिंता रहती है कि मैं क्या खा रहा हूं। वो कभी आम भेज देती हैं, तो कभी कुछ और। हालांकि अब तक उन्होंने अपने हाथ का बना खाना नहीं भेजा है।”

पिता से अब बातचीत नहीं होती: Tej Pratap

Lalu Prasad Yadav से रिश्तों पर बोलते हुए तेज प्रताप ने कहा, “जब पिता ने मुझे बाहर करने का फैसला लिया था, तब घर को लेकर कुछ बातचीत हुई थी। लेकिन अब वो संवाद भी नहीं होता। मैं यहीं रहता हूं, अपने आवास में। जब कुछ बन जाऊंगा, तब उनसे मिलने जाऊंगा।”

पिता का फैसला सर माथे पर

उन्होंने अपने पिता को सम्मान देते हुए कहा, “पिता जो भी निर्णय लेंगे वो हमारे भले के लिए ही होगा। वो जो भी करेंगे, अच्छा ही करेंगे। हम उस पर फोकस नहीं करना चाहते कि क्या हुआ।”

तेजस्वी से लड़ाई क्यों होगी?

जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी लड़ाई छोटे भाई Tejashwi Yadav से है या Sanjay Yadav से, इस पर तेज प्रताप ने साफ कहा, “जो हमसे लड़ेगा हमारी लड़ाई उससे होगी। तेजस्वी हमारे छोटे भाई हैं, उनसे कोई लड़ाई नहीं है। हम इतने लोभी नहीं कि कुर्सी चाहिए। हम बड़े बेटे हैं, और अगर राम को वनवास मिला था तो समझिए हम भी वनवास में हैं।”

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