बिहार में नौकरी का झांसा बन गया जाल: पुलिस और रेलवे में भर्ती के नाम पर लाखों की ठगी, कई युवक बने शिकार

फर्जी वेबसाइट और कॉल के जरिए बिहार के युवाओं को बनाया जा रहा है ठगी का शिकार, साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज हो रही हैं शिकायतें

Bihar Crime News Gaya Shooting During Liquor Party
(Image Source: Social Media Sites)

साइबर ठगी का नया तरीका: बिहार में बेरोजगारी की पीड़ा झेल रहे युवाओं को अब साइबर ठगों का शिकार बनाया जा रहा है। पुलिस, रेलवे और बिजली विभाग जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में नौकरी दिलाने का झांसा देकर शातिर अपराधियों ने कई युवकों के बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा लिए हैं। ताजा मामला मुजफ्फरपुर, शिवहर और दरभंगा जिलों से सामने आया है, जहां के युवकों ने Cyber Crime Portal पर अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं।

रेलवे ग्रुप डी में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को फंसाया

शिवहर के Ankush Paswan और मुजफ्फरपुर के Amit Patel को रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर फर्जी लिंक भेजा गया। लिंक पर क्लिक कर बायोडाटा भरने और एक आईडी बनाने के बाद उनसे छह बार ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिये एक-एक लाख रुपये की ठगी की गई। ठगों ने खुद को जॉब कंसल्टेंट बताकर उन्हें भरोसे में लिया और धीरे-धीरे बड़ी रकम ऐंठ ली।

फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगा गया पुलिस भर्ती के इच्छुक युवक

मुजफ्फरपुर के कटरा थाना क्षेत्र के निवासी Amit Singh से भी ऐसा ही फ्रॉड हुआ। उन्होंने बिहार पुलिस में सिपाही बनने के लिए आवेदन किया था लेकिन परीक्षा में सफल नहीं हो पाए। बाद में उन्हें एक कॉल आया जिसमें उन्हें एक नई फर्जी वेबसाइट के जरिए दोबारा आवेदन करने को कहा गया। उन्होंने उस वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन किया और एक हजार रुपये फीस के रूप में दिए, जिसके बाद उनके खाते से चार बार में कुल डेढ़ लाख रुपये निकाल लिए गए।

पुलिस और साइबर सेल कर रही जांच, लोगों को दी सतर्क रहने की सलाह

साइबर सेल और पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। अधिकारियों के अनुसार फर्जी वेबसाइट, लिंक और कॉल डिटेल्स को ट्रैक किया जा रहा है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल पर विश्वास न करें और तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।

बेरोजगारी को बना रहे हैं निशाना, सोशल मीडिया बना जरिया

ठग सोशल मीडिया, फर्जी वेबसाइट और मोबाइल कॉल्स के जरिए बेरोजगार युवाओं को निशाना बना रहे हैं। रोजगार की उम्मीद लगाए युवा इन जालसाजों के झांसे में आ जाते हैं और अपने निजी व बैंकिंग डिटेल साझा कर देते हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए जरूरी है कि युवा किसी भी नौकरी संबंधी जानकारी को आधिकारिक वेबसाइट से ही जांचें और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले सतर्कता बरतें।

बिहार में तेजी से बढ़ते साइबर फ्रॉड के इन मामलों ने यह साफ कर दिया है कि बेरोजगारी की समस्या को अपराधी अपने फायदे के लिए कैसे भुना रहे हैं। जरूरत है सतर्कता और जागरूकता की, ताकि किसी का भविष्य इन फर्जी वादों की भेंट न चढ़े।

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