बिहार पंचायत में खुली धमकी का ऑडियो वायरल: ‘गाड़ देंगे जमीन में…’, मुखिया Chitranjan Kumar पर फिर लगा गंभीर आरोप

गया के मुखिया की दबंगई की हदें पार, रोजगार सेवक को दी जान से मारने की धमकी, ऑडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप

Gaya Mukhiya Threatens Panchayat Worker Audio Viral Bihar Crime
Gaya Mukhiya Threatens Panchayat Worker Audio Viral Bihar Crime (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • गया के मुखिया चितरंजन कुमार का पंचायत सेवक को धमकाते हुए ऑडियो वायरल
  • मनोज चौधरी को जान से मारने की धमकी, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
  • ग्रामीणों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की

गया: गया जिले के Gurua ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले Barma Panchayat के मुखिया Chitranjan Kumar एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन पर पंचायत के Rojgar Sevak Manoj Chaudhary को खुलेआम जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप है। इस धमकी का ऑडियो वायरल होते ही पंचायत में हड़कंप मच गया है।

धमकी भरा ऑडियो: “आओ गुरुआ… जमीन में गाड़ देंगे”

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस ऑडियो में चितरंजन कुमार, रोजगार सेवक मनोज चौधरी को आपत्तिजनक भाषा में धमकी देते हुए सुने जा सकते हैं। ऑडियो में मुखिया साफ कहते हैं— “तुम आओ गुरुआ… जमीन में गाड़ देंगे।” इस बयान के बाद पंचायत में तनाव का माहौल बन गया है और मनोज चौधरी ने अपनी जान को खतरा बताया है।

शिकायत पर भी नहीं लिखी FIR, पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल

मनोज चौधरी ने बताया कि उन्होंने इस धमकी के खिलाफ स्थानीय थाना में शिकायत दर्ज करवानी चाही, लेकिन आरोप है कि थाना प्रभारी ने राजनीतिक दबाव में FIR दर्ज नहीं की। इससे स्थानीय पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि मुखिया चितरंजन कुमार की छवि पहले से ही एक दबंग और आपराधिक प्रवृत्ति वाले नेता की रही है। यह कोई पहला मामला नहीं है। बीते वर्ष भी वह एक महिला को धमकी देने के मामले में जेल जा चुके हैं

पंचायत सेवक ने मांगी सुरक्षा, ग्रामीणों में आक्रोश

मनोज चौधरी ने उच्च अधिकारियों से सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो कोई भी बड़ी अनहोनी हो सकती है। वहीं, जब मीडिया ने मुखिया चितरंजन कुमार से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि प्रशासन को तत्काल और निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पंचायत स्तर पर कानून का भय और लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।

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