12 साल की Julie Kumari ने लगाई फांसी, प्यार या बहन से झगड़ा? खगड़िया में मासूम की मौत ने सबको झकझोरा

Khagaria में एक 12 वर्षीय बच्ची Julie Kumari की आत्महत्या ने परिवार और पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है, वजह प्रेम प्रसंग या बहन से झगड़ा—जांच में जुटी पुलिस

Scary Crime Story Bbn24
(Image Source: Social Media Sites)

बिहार के Khagaria जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहाँ 12 साल की Julie Kumari ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना पिपरा लतीफ पंचायत के Karjania Tola की है, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। इतनी छोटी उम्र की बच्ची द्वारा आत्महत्या किए जाने के पीछे की वजह अब तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन घटना ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

बहन से झगड़ा या प्रेम प्रसंग?

स्थानीय लोगों के अनुसार, Julie Kumari के पिता Mithun Muni पेशे से ड्राइवर हैं और उनकी दो बेटियाँ हैं। बताया जा रहा है कि रात के समय दोनों बहनों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। झगड़े के कुछ देर बाद, Julie ने गुस्से में आकर घर के पास लगे एक बबूल के पेड़ से फांसी लगा ली।

हालांकि, कुछ लोगों के बीच यह चर्चा भी तेज़ है कि Julie Kumari किसी के साथ प्रेम संबंध में थी और उसी वजह से उसने यह कदम उठाया। पुलिस अभी हर एंगल से जांच में जुटी हुई है।

पिता Mithun Muni का छलका दर्द

बेटी की मौत से Mithun Muni सदमे में हैं। उन्होंने कहा, “हमें लगा कि बच्चों के बीच सामान्य झगड़ा हो रहा है। यह नहीं सोचा था कि मेरी बेटी ऐसा कदम उठा लेगी।” उनका रो-रोकर बुरा हाल है और उन्होंने प्रशासन से इस मामले की सच्चाई सामने लाने की मांग की है।

पुलिस कर रही जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार

घटना की सूचना मिलते ही Mardaiya थाना प्रभारी Mohammad Firdaus मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए Khagaria Sadar Hospital भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला झगड़े और मानसिक तनाव से जुड़ा हुआ लग रहा है, लेकिन प्रेम प्रसंग की बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर बच्चों के बीच बढ़ते तनाव और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हम बच्चों की भावनाओं को समय पर समझ पा रहे हैं? क्या माता-पिता और शिक्षक बच्चों के मन की उलझनों को पहचान पा रहे हैं?

इस हृदयविदारक घटना से यह सीख मिलती है कि हमें बच्चों की बातों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय रहते यदि उनके अंदर के तनाव को समझा जाए तो शायद Julie Kumari जैसी मासूम जानें बचाई जा सकती थीं।

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