पटना मुठभेड़: पटना में गुरुवार देर रात हुए एक सनसनीखेज एनकाउंटर में STF और पुलिस की टीम ने हत्या की सुपारी लेने निकले एक खतरनाक गैंग का भंडाफोड़ किया। इस मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी Vishal Kumar, जो एक बैंक मैनेजर का बेटा है, पुलिस की गोली से घायल हो गया। उसे PMCH अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुठभेड़ की पूरी कहानी
घटना पटना जिले के Bikram थाना क्षेत्र की है, जहां STF और स्थानीय पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी बाइक से हत्या की योजना बना रहे हैं। टीम ने तुरंत Nisarpura Mor पर नाकेबंदी की।
पहली बाइक पर सवार दो अपराधियों को पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन दूसरी बाइक पर बैठे विशाल ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में विशाल को पैर में गोली लगी। मुठभेड़ में कुल 5-6 राउंड फायरिंग हुई जिसमें पुलिस की ओर से 3 राउंड गोली चली।
गिरफ्तार अपराधियों की लिस्ट
पश्चिमी पटना के एसपी Sharath R.S. के अनुसार, गिरफ्तार अपराधियों के नाम इस प्रकार हैं:
- Vishal Kumar (Wazirpur Pariyawan) – मुठभेड़ में घायल
- Jitendra Kumar (Parsa Bazaar)
- Ankit (Dayalpur, Bihta)
- Sonu (Khagaul Canal, Rupaspur)
- Shubham alias Reyansh (Bochachak, Phulwari)
- Ritik alias Sujeet Kumar (Haridas, Khagaul)
इनके पास से 4 देसी पिस्टल, 24 जिंदा कारतूस, 2 मोबाइल और 2 बाइक बरामद की गई हैं।
जेल से बना गैंग, बाहर आते ही किया वारदात का प्लान
पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि सभी अपराधी पहले से हत्या जैसे संगीन मामलों में जेल जा चुके हैं। जेल में ही इन सभी ने एक गैंग बनाया और रिहा होने के बाद सुपारी लेकर हत्या करने लगे।
यह घटनाक्रम इस बात का प्रमाण है कि बिहार की जेलें अब अपराध सुधार का स्थान नहीं, बल्कि “गिरोह निर्माण केंद्र” बन चुकी हैं। यह राज्य की आंतरिक खुफिया प्रणाली की विफलता का संकेत देता है।
बैंक मैनेजर का बेटा, अपराध की राह पर
विशाल कुमार एक बैंक मैनेजर का बेटा है, जो 2021 में एक हत्या के मामले में जेल जा चुका है। जेल में ही उसने गिरोह बनाया और फिर बाहर आकर अपराध की दुनिया में पूरी तरह उतर गया। यह मामला यह भी दर्शाता है कि अपराध का रास्ता सिर्फ गरीबी या जरूरत की वजह से नहीं चुना जाता, बल्कि कई बार यह मानसिक विकृति और वर्चस्व की भूख का परिणाम होता है।
डिप्टी सीएम ने दिए थे सख्त निर्देश
हाल ही में बिहार के डिप्टी सीएम Vijay Kumar Sinha ने पुलिस को साफ निर्देश दिया था कि वे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करें और जहां आवश्यक हो, वहां एनकाउंटर जैसे कदम उठाएं। बिक्रम में हुआ यह एनकाउंटर उसी नीति का हिस्सा माना जा रहा है।