राजधानी Patna में साइबर अपराधियों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए एक चौंकाने वाली ठगी को अंजाम दिया है। खुद को CBI अफसर, जज और वकील बताकर ठगों ने PMCH के रिटायर्ड डॉक्टर Radhe Mohan Prasad और उनकी पत्नी से करीब ₹1.95 करोड़ की धोखाधड़ी की। यह मामला पटना के Hanuman Nagar इलाके का है, जहां 12 दिनों तक डॉक्टर दंपति मानसिक तनाव में ‘कैद’ रहे और डर के साये में लाखों रुपये ट्रांसफर करते रहे।
हॉलीवुड फिल्म जैसी साजिश, असली जिंदगी में हेराफेरी
डॉ. राधे मोहन प्रसाद के बेटे Dr. Saurabh Mohan ने बताया कि 21 मई को उनके माता-पिता के पास मुंबई से एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को CBI अधिकारी बताया और कहा कि कोलाबा पुलिस स्टेशन, मुंबई में उनके नाम पर Money Laundering का केस दर्ज है। जब डॉक्टर ने मुंबई जाकर पेश होने में असमर्थता जताई, तो आरोपी ने एक फर्जी नंबर दिया, जिससे फर्जी अफसरों के वीडियो कॉल शुरू हुए।
वीडियो कॉल पर धमकियों की बरसात, 6 बार में ट्रांसफर हुए करोड़ों
ठगों ने वीडियो कॉल पर नकली पुलिस और जज बनकर दंपति को मानसिक दबाव में डाल दिया। उन्हें बताया गया कि उनका फोन नंबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल हुआ है और वे अब “Most Wanted Criminals” हैं। डर और भ्रम के कारण दंपति ने 12 दिन के अंदर RTGS के जरिए छह बार में कुल ₹1.95 करोड़ ट्रांसफर कर दिए।
डिजिटल अरेस्ट क्या है और कैसे बचें?
‘Digital Arrest’ एक नई साइबर ठगी तकनीक है जिसमें अपराधी—
- खुद को सरकारी अफसर बताकर डराते हैं
- फर्जी केस और गिरफ्तारी की धमकी देते हैं
- वीडियो कॉल से नकली दस्तावेज और पहचान दिखाकर विश्वास जीतते हैं
- मानसिक दबाव डालकर धीरे-धीरे बैंक खातों से रकम ट्रांसफर करवाते हैं
पटना साइबर थाना ने FIR दर्ज कर शुरू की जांच
घटना की शिकायत मिलते ही डॉक्टर राधे मोहन प्रसाद ने Cyber Police Station, Patna में केस दर्ज कराया। Cyber DSP Raghvendra Mani Tripathi ने बताया कि अब तक ₹53 लाख की रकम होल्ड कर ली गई है और अपराधियों की पहचान के लिए जांच तेज कर दी गई है।
साइबर पुलिस की अपील: न डरें, सतर्क रहें
साइबर सेल ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, वीडियो कॉल या धमकी पर डरें नहीं। कोई भी बैंकिंग जानकारी साझा न करें और ऐसी स्थिति में तुरंत स्थानीय थाना या साइबर हेल्पलाइन को सूचित करें।