Air India Plane Crash: “जब होश आया तो चारों ओर लाशें थीं” – बोले हादसे में जिंदा बचे एकमात्र यात्री

अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में 242 में से सिर्फ एक यात्री जीवित बचा, बोले – उड़ान के 30 सेकंड बाद ही हुआ हादसा

Air India Plane Crash Survivor Gujarat Ahmedabad
(Source: Google/Social Media Sites)
Highlights
  • फ्लाइट AI-171 दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से रवाना हुई थी
  • रमेश विश्वास कुमार ही एकमात्र जीवित यात्री
  • पूर्व सीएम विजय रूपाणी की भी हादसे में मौत

गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रही Air India की फ्लाइट AI-171 गुरुवार दोपहर टेकऑफ के महज 30 सेकंड बाद ही भीषण हादसे का शिकार हो गई। बोइंग 787-8 Dreamliner विमान में सवार 242 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति – Ramesh Vishwas Kumar – ही जिंदा बच पाए। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री Vijay Rupani सहित 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

हादसे का चश्मदीद और इकलौता जीवित यात्री बोला – “यह सब एक पल में हुआ”

40 वर्षीय रमेश विश्वास कुमार, जो कि एक ब्रिटिश नागरिक हैं, इस विमान में 11A सीट पर बैठे थे। उन्होंने अस्पताल में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा:

“टेकऑफ के करीब तीस सेकंड बाद ही अचानक जोरदार धमाका हुआ और फिर सब कुछ धुंधला हो गया। जब मेरी आंखें खुलीं, तो मेरे चारों तरफ जलती हुई लाशें और मलबा था। मैं डर के मारे उठकर भागा, लेकिन मेरे सीने और पैरों पर गहरी चोटें आई हैं।”

वह अपने भाई Ajay Kumar Ramesh (45) के साथ लंदन लौट रहे थे, जो अभी भी लापता हैं। रमेश ने बताया, “हम अलग-अलग कतारों में बैठे थे। मैं उन्हें ढूंढ नहीं पा रहा। कृपया कोई उनकी मदद करे।”

विमान में कौन-कौन था सवार?

इस फ्लाइट में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी, कई एनआरआई परिवार और कुछ केंद्रीय अधिकारी भी मौजूद थे। फ्लाइट में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 204 लोगों की मौत की पुष्टि गुरुवार देर शाम तक हो चुकी थी।

हादसे की जांच के आदेश

गुजरात सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने DGCA की एक टीम को अहमदाबाद रवाना किया है, जो ब्लैक बॉक्स और तकनीकी कारणों की जांच करेगी।

इस दर्दनाक हादसे ने देश को झकझोर दिया है। रमेश विश्वास कुमार की जिंदा बचना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा। पूरे देश की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि हादसे की असली वजह क्या थी और क्या भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सकता है।

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