रात में टहलने निकले बुजुर्ग पर हुआ जानलेवा हमला, कुत्तों ने नोच डाला पूरा शरीर!

बेंगलुरु में नींद न आने पर टहलने निकले बुजुर्ग पर कुत्तों का झुंड टूट पड़ा, मौके पर मचा हड़कंप

Elderly Man Killed In Stray Dog Attack Bengaluru
Elderly Man Killed In Stray Dog Attack Bengaluru (Source: BBN24/Google/Social Media)

बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। रविवार की अलसुबह एक 70 वर्षीय बुजुर्ग सीतप्पा पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। घटना तब हुई जब नींद न आने की वजह से वह आधी रात को टहलने निकले थे।

परिजनों ने बताया कि वह अक्सर देर रात टहलने जाते थे। लेकिन इस बार घर से कुछ ही दूरी पर आठ से ज्यादा कुत्तों ने उन्हें घेर लिया और हमला कर दिया। उनके हाथ, पैर और चेहरे पर गहरे जख्म आए। इतना ही नहीं, शरीर का मांस भी नोच लिया गया।

परिजन बाहर निकले तो मंजर देख दहशत में आ गए

परिवारवालों ने जब शोरगुल सुना तो वे बाहर दौड़े। उन्होंने देखा कि कुत्ते बुजुर्ग के शरीर को घसीट रहे हैं। तुरंत उन्हें छुड़ाकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
स्थानीय पुलिस ने अस्वाभाविक मौत का केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। साथ ही, पुलिस स्थानीय लोगों से भी जानकारी जुटा रही है।

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देशभर में बढ़ते कुत्तों के हमले, बच्चियों तक नहीं हैं सुरक्षित

हाल के हफ्तों में भारत के कई हिस्सों से कुत्तों के हमले की घटनाएं सामने आई हैं।

  • कर्नाटक के शिमला नगर, ओल्ड हुबली में तीन साल की बच्ची पर हमला हुआ।
  • हुबली-धारवाड़ इलाके में एक मासूम बच्चे को कुत्तों ने बुरी तरह नोच डाला, उसका सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ।

इन घटनाओं से लोगों में डर और गुस्सा दोनों बढ़ रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि ऐसे हमलों को रोकने के लिए प्रशासन क्या कर रहा है?

कुत्तों को खिलाने का नया सरकारी प्रोजेक्ट, छिड़ा विवाद

बेंगलुरु की नगर म्यूनिसिपल परिषद (BBMP) ने हाल ही में 2.9 करोड़ रुपये का एक प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें हर दिन 4000 से 5000 कुत्तों को चावल और पका हुआ चिकन खिलाने की योजना है।
इसका उद्देश्य कुत्तों की आक्रामकता को कम करना है। लेकिन इस फैसले पर जनता में बहस छिड़ गई है। कई लोग मानते हैं कि इससे कुत्तों की आदतें और बिगड़ेंगी, जबकि कुछ लोग इसे सकारात्मक कदम मान रहे हैं।


बेंगलुरु जैसी मेट्रो सिटी में आवारा कुत्तों का आतंक आम जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। सीतप्पा की दर्दनाक मौत इस खतरे की ओर एक चेतावनी है।
प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे ताकि कोई और मासूम या बुजुर्ग ऐसी त्रासदी का शिकार न हो।

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