असम कैडर के वरिष्ठ IPS अधिकारी Gaurav Upadhyay एक 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न के सनसनीखेज मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। यह मामला वर्ष 2019 का है, जब Gaurav Upadhyay उस वक्त कार्बी आंगलोंग जिले के पुलिस अधीक्षक थे।
मामले में POCSO Act और भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। यह आदेश कार्बी आंगलोंग जिले की विशेष POCSO अदालत के न्यायाधीश आर. लाल ने शुक्रवार को सुनाया।
SP बंगले से होटल तक फैला शोषण का सिलसिला
अदालत के अनुसार, पहली घटना जिला मुख्यालय डिफू में स्थित एसपी बंगले में हुई, जहां कथित तौर पर आरोपी ने पीड़िता का यौन शोषण किया। इसके कुछ समय बाद दूसरी घटना एक होटल में घटी, जहां पीड़िता अपनी मां और छोटे भाई के साथ रुकी हुई थी।
पीड़िता की मां ने दर्ज कराई थी शिकायत
दिसंबर 2019 में हुई इस घटना की शिकायत पीड़िता की मां ने जनवरी 2020 में की थी। शिकायत मिलने के बाद मामला स्थानीय पुलिस से ट्रांसफर कर राज्य की CID को सौंपा गया, जिसने Gaurav Upadhyay के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
कई वर्षों से लटका था मामला
कोर्ट ने कहा कि यह मामला कई वर्षों से पूर्व-परीक्षण चरण में लंबित है, जबकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से पॉक्सो मामलों में त्वरित सुनवाई के निर्देश स्पष्ट रूप से दिए गए हैं।
कोर्ट ने तय किए ये आरोप
विशेष न्यायाधीश आर. लाल ने IPC की धारा 354 और 354A और POCSO अधिनियम की धारा 10 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।
- IPC की धारा 354: महिला की गरिमा भंग करने का प्रयास
- IPC की धारा 354A: यौन उत्पीड़न
- POCSO धारा 10: गंभीर यौन अपराध
वर्तमान में कहां हैं आरोपी IPS?
Gaurav Upadhyay उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और 2012 बैच के IPS अधिकारी हैं। वर्तमान में वे राज्य परिवहन विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
Note: यह खबर एक संवेदनशील मामले से जुड़ी है, जिसकी जांच और न्यायिक प्रक्रिया जारी है। पाठकों से अनुरोध है कि खबर को जिम्मेदारी से साझा करें।