Vice President Resignation: सत्ता में भूचाल! उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar का अचानक इस्तीफा, आखिर वजह क्या है?

Jagdeep Dhankhar ने राष्ट्रपति Draupadi Murmu को भेजा इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला लेकिन राजनीति में उठे कई सवाल

Jagdeep Dhankhar Resignation Vice President Shocking Reason
Jagdeep Dhankhar Resignation Vice President Shocking Reason (Source: BBN24/Google/Social Media)

देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति Jagdeep Dhankhar ने सोमवार रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है और राष्ट्रपति Droupadi Murmu को पत्र सौंपते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(A) के तहत तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की बात कही है। धनखड़ का कार्यकाल जुलाई 2027 तक था, लेकिन इस्तीफा देकर उन्होंने हर किसी को हैरत में डाल दिया है।

धनखड़ के इस्तीफे से राजनीति में मची खलबली

धनखड़ के इस्तीफे के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। खासकर इसलिए भी क्योंकि संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है और पहले दिन खुद उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा की कार्यवाही चलाई थी। लेकिन देर रात उनका इस्तीफा सामने आते ही कयासों का बाजार गर्म हो गया है। बताया जा रहा है कि हाल ही में संसद में Mallikarjun Kharge और JP Nadda के बीच हुए तीखे संवाद ने भी माहौल को गरमा दिया था। जेपी नड्डा ने कहा था कि संसद में वही बातें दर्ज होंगी जो वे चाहेंगे, विपक्ष की नहीं। इसे कई लोगों ने सभापति का अपमान माना।

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क्या किसान आंदोलन से जुड़े बयान बने वजह?

राजस्थान के झुंझुनूं से ताल्लुक रखने वाले धनखड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान किसान आंदोलन का समर्थन किया था। उस दौरान भी केंद्र सरकार उनके बयान से नाराज हुई थी। अब उनके इस्तीफे को उसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। धनखड़ पश्चिम बंगाल के गवर्नर रह चुके हैं और जाट समाज से आते हैं। उनके इस अप्रत्याशित कदम ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है।

1989 में मिली थी राजनीति में पहचान

Chaudhary Devi Lal की राजनीति से प्रेरित धनखड़ ने 1989 में झुंझुनूं से लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब VP Singh के जनता दल ने उन्हें टिकट दिया था। चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्र में मंत्री पद भी मिला। इसके बाद राजनीति में उनकी गहरी पकड़ बनी रही।

2022 में बने थे देश के 14वें उपराष्ट्रपति

6 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति चुनाव में धनखड़ ने विपक्षी उम्मीदवार Margaret Alva को हराकर यह पद हासिल किया था। उन्हें 725 में से 528 वोट मिले थे। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। उनका जन्म 18 मई 1951 को एक किसान परिवार में हुआ था और उन्होंने चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी।

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धनखड़ का इस्तीफा महज स्वास्थ्य कारणों से जुड़ा है या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक कारण, ये अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन इतना तय है कि आने वाले दिनों में इस पर सियासी बयानबाजियों का दौर तेज होने वाला है।

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