234% ज्यादा बारिश से झारखंड में अलर्ट, 20 जून को भारी बारिश की चेतावनी जारी

IMD ने रांची समेत 13 जिलों के लिए फ्लैश फ्लड का खतरा जताया, प्रशासन अलर्ट पर

Heavy Rain Alert In Jharkhand On 20 June Imd Warns 13 Districts
(Source: Google/Social Media Sites)

रांची: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 20 जून को झारखंड और ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। IMD की फ्लैश फ्लड गाइडेंस सेल के मुताबिक, अगले 24 घंटे (20 जून, सुबह 11:30 बजे तक) इन इलाकों में तेज बारिश के कारण जलभराव और अचानक बाढ़ की स्थिति बन सकती है।

इन जिलों में अधिक खतरा

ओडिशा के जिले:

  • देवगढ़
  • केंदुझार
  • मयूरभंज
  • सुंदरगढ़

झारखंड के जिले:

  • रांची
  • बोकारो
  • हजारीबाग
  • खूंटी
  • रामगढ़
  • लातेहार
  • लोहरदगा
  • गुमला
  • सरायकेला
  • सिमडेगा
  • पश्चिम सिंहभूम

इन जिलों में मिट्टी अधिक गीली होने के कारण जलजमाव और भूमि कटाव की संभावना है। नदियों और नालों के किनारे बसे लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर

प्रभावित जिलों के जिला प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। राहत व बचाव दलों को तैयार रहने और संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नालों के किनारे बसे लोगों को अस्थायी तौर पर हटाने की भी तैयारी की जा रही है।

हफ्ते भर में 234% अधिक बारिश, 19 जिलों में भारी वर्षा दर्ज

IMD रांची द्वारा जारी ताजा साप्ताहिक वर्षा बुलेटिन के अनुसार, 13 जून से 19 जून 2025 के बीच राज्य में औसतन 149.7 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 44.8 मिमी थी। यह सामान्य से 234% अधिक है।

मुख्य आंकड़े:

  • कुल बारिश (13-19 जून): 149.7 मिमी
  • सामान्य बारिश: 44.8 मिमी
  • डिपार्चर: +234%
  • सीजनल बारिश (1-19 जून): 170.2 मिमी (सामान्य से +103%)

जिलावार वर्षा स्थिति (13 जून – 19 जून 2025)

  • बहुत अधिक वर्षा (60%+ अधिकता): 19 जिले
  • अधिक वर्षा (20%-59%): 1 जिला
  • सामान्य वर्षा: 3 जिले
  • वर्षा में कमी: 1 जिला (पलामू)

पलामू राज्य का इकलौता ऐसा जिला है जहां पर वर्षा सामान्य से कम रही। वहीं, रांची, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, हजारीबाग जैसे जिलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है।

वर्षा का प्रभाव और आगे की तैयारी

झारखंड में लगातार हो रही भारी बारिश से कई इलाकों में जलजमाव, बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं देखने को मिल सकती हैं। खेती के लिहाज से यह बारिश भले ही लाभकारी हो, लेकिन निचले इलाकों में रह रहे लोगों के लिए यह खतरे की घंटी है। प्रशासन को आपदा प्रबंधन के तहत सभी इंतजाम पहले से करने के निर्देश दिए गए हैं।

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