रांची: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS), रांची – झारखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल – एक बार फिर बारिश के बाद जलजमाव की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। लगातार बारिश के चलते अस्थि एवं जोड़ रोग विभाग के ऑपरेशन थिएटर (OT), इनडोर वार्ड, त्वचा रोग विभाग और आइसोलेशन वार्ड में पानी भर गया है। इससे न सिर्फ इलाज की प्रक्रिया बाधित हुई है, बल्कि मरीजों और अस्पताल कर्मचारियों के लिए गंभीर स्थिति बन गई है।
RIMS के ऑपरेशन थिएटर में घुसा पानी, इलाज ठप
मौसम की पहली ही भारी बारिश ने रिम्स की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट तक जलभराव पहुंच गया, जिससे OT सहित कई अहम विभागों में सर्जरी और उपचार कार्य बाधित हुए। व्हीलचेयर और स्ट्रेचर चलाना मुश्किल हो गया है, जिससे गंभीर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा।
हर साल दोहराता है जलजमाव का संकट
यह पहली बार नहीं है जब RIMS में पानी भरने की समस्या सामने आई है। हर मानसून में अस्पताल परिसर जलजमाव की चपेट में आ जाता है, जिससे अस्पताल की छवि और सेवाएं दोनों पर बुरा असर पड़ता है।
PHED की अनदेखी से बिगड़ रही स्थिति
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHED) पर आरोप लग रहे हैं कि विभाग ने जल निकासी और नालियों की सफाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, आपातकालीन प्रबंधन को लेकर भी विभाग की तैयारी न के बराबर है, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है।
निदेशक Dr. Raj Kumar की चेतावनियां भी बेअसर
RIMS के निदेशक डॉ. राज कुमार कई बार PHED को पत्र भेजकर इस जलजमाव की समस्या पर सख्त कदम उठाने को कह चुके हैं। बावजूद इसके, न तो नालियों की सफाई हुई और न ही स्थायी समाधान। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अब धैर्य का बांध टूट चुका है और यह सीधे तौर पर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ है।
मरीज और परिजन बेहाल, अस्पताल में संक्रमण का डर
जलजमाव के चलते अस्पताल में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। त्वचा रोग और आइसोलेशन वार्ड जैसे विभागों में पानी भरने से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। परिजन पानी में चप्पल निकालकर मरीजों को वार्ड तक पहुंचा रहे हैं। इलाज में देरी से कई सर्जरी टालनी पड़ी हैं, जिससे मरीजों की हालत गंभीर होती जा रही है।