धनबाद (झारखंड): मानसून का प्रभाव झारखंड में साफ देखा जा रहा है। एक तरफ जहां बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया है, वहीं दूसरी ओर इस बारिश ने भ्रष्टाचार के कई राज भी उजागर किए हैं। धनबाद जिले के बाघमारा क्षेत्र में नवनिर्मित पुल ने इसका जीता जागता उदाहरण पेश किया। 6 करोड़ की लागत से बने इस पुल का उद्घाटन हुए कुछ ही दिन बीते थे कि पहली बारिश में ही पुल ढह गया। यह पुल बाघमारा के जमुनिया नदी पर बनाया गया था, जिसका उद्देश्य धनबाद और बोकारो जिलों को जोड़ना था।
पुल निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप
स्थानीय लोगों ने पुल निर्माण में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पुल का एक हिस्सा टूट गया है और उसकी एप्रोच सड़क में भी बड़े-बड़े दरारें आ गई हैं। यह परियोजना मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल धनबाद द्वारा संचालित की जा रही थी। इस पुल का शिलान्यास 10 अगस्त 2022 को तत्कालीन विधायक और वर्तमान सांसद ढुलू महतो ने किया था।
पहली बारिश में पुल का गिरना: क्या है भ्रष्टाचार का सच?
प्रीति इंटरप्राइजेज नामक कंपनी को इस पुल का निर्माण कार्य सौंपा गया था। इस परियोजना में कुल छह करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन अब तक डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है। ग्रामीण विकास प्रमंडल धनबाद के एग्जक्यूटिव इंजीनियर नरेंद्र कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बताया कि कुछ कार्य अब भी शेष हैं। उन्होंने कहा कि पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत तत्काल की जाएगी।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि रांची समेत पांच जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इस बारिश के कारण क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं और इलाके के नदियां उफान पर हैं।
नालंदा और जहानाबाद में बाढ़ जैसे हालात, टूटे बांध
पुल निर्माण में अनियमितताओं को लेकर लोगों में गुस्सा है और वे अधिकारियों से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर ऐसी लापरवाही कैसे हुई। क्या यह एक और उदाहरण है, जहां सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है?