मध्यरात्रि आराधना संग देशभर में धूमधाम से मनाई गई जन्माष्टमी, भक्त हुए भावविभोर

मथुरा-वृंदावन से द्वारका और पुरी तक मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, लाखों भक्त शामिल

Krishna Janmashtami 2025 Celebrations India
Krishna Janmashtami 2025 Celebrations India (Source: BBN24/Google/Social Media)

भारतभर में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भक्तों ने व्रत रखा, रातभर भजन-कीर्तन किया और मध्यरात्रि के जन्मोत्सव में भाग लिया।

मथुरा-वृंदावन से पुरी-द्वारका तक भव्य सजावट

मथुरा, वृंदावन, द्वारका और पुरी के मंदिरों को आकर्षक सजावट और रोशनी से संजोया गया। वहीं, लाखों श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन और आराधना के लिए पहुंचे। जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त (Janmotsav Muhurat) रात 12:00 बजे से 12:48 बजे तक रहा।

उपवास और पूजन की परंपरा

भक्त ब्रह्म मुहूर्त से उपवास आरंभ करते हैं और अगले दिन सूर्योदय तक व्रत का पालन करते हैं। व्रत खोलने से पहले भगवान कृष्ण को भोग अर्पित किया जाता है, जिसके बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है। इस दौरान फल, दूध और मेवा का सेवन ही अनुमत है, जबकि वृद्ध, बच्चे और बीमार व्यक्तियों को छूट दी जाती है।

आध्यात्मिक महत्व

धार्मिक मान्यता है कि जन्माष्टमी का व्रत मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन में शांति, समृद्धि और बाधाओं पर विजय प्रदान करता है। शास्त्रों में इसे जयन्ती व्रत कहा गया है, जो आध्यात्मिक पूर्णता का प्रतीक माना जाता है।

भक्ति का अनोखा रंग

मथुरा के मंदिर विशेष थीम से सजाए गए, वहीं द्वारका का जगत मंदिर दीपों से जगमगाया। वृंदावन में प्रशासन के अनुमान के अनुसार 10 लाख से अधिक श्रद्धालु उत्सव में शामिल हुए।

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