भारत ने अपनी वायुसेना की रीढ़ Su-30MKI फाइटर जेट को अपग्रेड करने के लिए ₹66829 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि खर्च करने का फैसला किया है। इस रणनीतिक योजना को ‘Super-30 Project’ नाम दिया गया है, जिसमें इन लड़ाकू विमानों को 5वीं पीढ़ी की तकनीक से लैस किया जाएगा।
Su-30MKI को नए जमाने की तकनीक से लैस कर उसे पहले से ज्यादा खतरनाक और बहुआयामी बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से भारत की ताकत इतनी बढ़ेगी कि न सिर्फ पाकिस्तान का F-16 बेअसर हो जाएगा, बल्कि चीन भी अपनी सीमाओं में सिमटने को मजबूर हो जाएगा।
क्यों जरूरी हो गया है फाइटर जेट अपग्रेड?
हाल के वर्षों में रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान जैसे युद्धों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य की लड़ाइयां जमीन से नहीं, आसमान और तकनीक से जीती जाएंगी। भारत भी इस बदलते युद्ध परिदृश्य को समझ चुका है। इसलिए Operation Sindoor के बाद सरकार ने वायुसेना को अल्ट्रा-मॉडर्न बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठाया है।
Su-30MKI क्यों है खास?
Su-30MKI, एक 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट है, जो भारत ने रूस के साथ मिलकर विकसित किया था। यह इंडियन एयरफोर्स का सबसे भरोसेमंद लड़ाकू विमान है। लेकिन अब इसकी तकनीक पुरानी हो चुकी है, और इसमें अपग्रेडेशन की सख्त जरूरत है।
Super-30 Program के तहत शुरुआत में 84 Su-30MKI फाइटर जेट को अपग्रेड किया जाएगा। इस काम में लगभग 3 से 4 साल का समय लगेगा और इसका खर्च करीब 2.4 से 7.8 बिलियन डॉलर (लगभग ₹66829 करोड़) आंका गया है।
क्या-क्या बदलेगा Super-30 Program में?
- AESA Radar (Virupaksha Radar): DRDO द्वारा विकसित गैलियम नाइट्राइड आधारित रडार से 400 किमी दूर तक टारगेट डिटेक्ट किया जा सकेगा।
- डिजिटल कॉकपिट: कॉकपिट को पूरी तरह से डिजिटल बनाया जाएगा जिससे पायलट को बेहतर नियंत्रण और फैसले की सुविधा मिलेगी।
- देशी मिसाइल सिस्टम: ‘Astra MK-2’, ‘Astra MK-3 Gandeev’ जैसी मिसाइलें जो दुश्मन को 300 किमी दूर से ही तबाह कर सकती हैं, Su-30MKI में इंटीग्रेट की जाएंगी।
F-16 और F-35 को मिलेगी टक्कर
2019 के Balakot Air Strike के दौरान पाकिस्तानी F-16 से मुकाबले में Su-30MKI को रडार की सीमा के चलते संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन अब Super-30 अपग्रेड के बाद यही फाइटर जेट F-16 को न केवल पछाड़ देगा बल्कि उसकी प्रासंगिकता ही खत्म हो जाएगी।
इसके साथ ही, भारत का ध्यान पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के स्वदेशी निर्माण पर भी है। HAL और DRDO मिलकर AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, जिससे अगले 10 वर्षों में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएगा।
Rafale से भी आगे?
हालांकि Rafale फाइटर जेट अपनी मारक क्षमता के लिए जाना जाता है, लेकिन उसके मेंटेनेंस पर भारत को काफी खर्च करना पड़ता है। वहीं Su-30MKI एक स्वदेशी उत्पादन के करीब है, जिसे अपग्रेड कर भारत लंबे समय तक कम खर्च में मजबूत रक्षा कवच तैयार कर सकता है।