फाल्गु नदी: बिहार की पौराणिक नदी, जहां सीता ने किया था पिंडदान!

गया में बहने वाली फाल्गु नदी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की जीती-जागती मिसाल भी है।

Savitri Mehta
Falgu River History Gaya Sita Pind Daan Importance
Falgu River History Gaya Sita Pind Daan Importance (Source: BBN24/Google/Social Media)

गया, बिहार: भारत की पवित्र नदियों में से एक, Falgu River (फाल्गु नदी), धार्मिक आस्था और इतिहास से भरपूर एक अनोखी नदी है। यह नदी बिहार राज्य के गया ज़िले से होकर बहती है और हिंदू धर्म में इसकी मान्यता अत्यंत विशेष है। खासकर पितृपक्ष (Pitru Paksha) के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए आते हैं।

फाल्गु नदी: एक अद्भुत भूगोल और आध्यात्म

फाल्गु नदी की सबसे खास बात यह है कि यह अधिकांश हिस्सों में सूखी रहती है, लेकिन फिर भी इसे नदी कहा जाता है। गया में यह नदी रेत से ढकी रहती है, जिसके नीचे पानी बहता है। यह रहस्य और आध्यात्म का अनूठा संगम माना जाता है।

सीता माता ने किया था यहां पिंडदान

पौराणिक मान्यता के अनुसार, Ramayana (रामायण) काल में जब भगवान श्रीराम अपने पिता दशरथ के पिंडदान के लिए गया आए, तब उन्होंने Sita (सीता माता) से पिंडदान करने को कहा। लेकिन उस समय पंडित उपलब्ध नहीं थे। सीता माता ने खुद ही फाल्गु नदी के किनारे पिंडदान किया और साक्षी के रूप में खुद फाल्गु नदी, पीपल का पेड़, गाय, तुलसी और अक्षयवट को रखा।

विश्वप्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के पास

गया शहर में स्थित Vishnupad Mandir (विष्णुपद मंदिर) के पास से होकर बहती है फाल्गु नदी। यह मंदिर भी श्रद्धालुओं की पहली पसंद होता है, और पिंडदान के लिए यहां विशेष व्यवस्था की जाती है।

बॉलीवुड में भी दिखी फाल्गु की छाया

Movie: “Moksha: Salvation” जैसी कुछ फिल्मों में फाल्गु नदी के घाटों और आध्यात्मिक महत्व को पर्दे पर उतारा गया है, जो इसकी पहचान को और भी विस्तार देता है।

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