बिहार की राजनीति में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की वापसी तय मानी जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqui) ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए बड़ा एलान किया कि RJD अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी और 5 जुलाई 2025 को चुनाव संपन्न कराया जाएगा। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह चुनाव सिर्फ औपचारिकता भर है, क्योंकि लालू यादव को लेकर पार्टी में सर्वसम्मति है।
लालू यादव ही रहेंगे पार्टी के अध्यक्ष – सिद्दीकी
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने साफ कहा कि,
“राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर लालू प्रसाद यादव ही रहेंगे। पार्टी की इच्छा है कि वही नेतृत्व करें। सोमवार को वे नामांकन दाखिल करेंगे।”
जब लालू यादव की तबीयत को लेकर सवाल उठे, तो सिद्दीकी ने कहा,
“यह कोई चिंता की बात नहीं है। आज भी पार्टी लालू जी के दिशा-निर्देश में काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी। उनकी भूमिका पहले की तरह अहम रहेगी।”
जगदानंद सिंह को लेकर क्या बोले सिद्दीकी?
जब वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) को राष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी दिए जाने के सवाल पर पूछा गया तो सिद्दीकी ने कहा,
“यह पार्टी का आंतरिक विषय है, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि वे हमारे सुख-दुख के साथी हैं। पार्टी उनके अनुभव का लाभ लेगी।”
राजनीतिक संकेत: विधानसभा चुनाव से पहले स्थिर नेतृत्व
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो लालू यादव का फिर से अध्यक्ष बनना 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को स्थिर और अनुभवी नेतृत्व देगा। भले ही तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पार्टी का चेहरा हों, लेकिन संगठनात्मक फैसलों में लालू यादव की पकड़ अब भी सबसे मजबूत है।
RJD फिलहाल महागठबंधन को संभालने के साथ-साथ अपने संगठनात्मक ढांचे को भी मजबूती देने में जुटी है। ऐसे में लालू यादव जैसा अनुभवी नेता पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने में बड़ी भूमिका निभाएगा।