साधु यादव का 5 करोड़ का मानहानि नोटिस: BJP नेता मृत्युंजय शर्मा पर लगाए गंभीर आरोप

‘Broken Promises’ किताब को लेकर भड़के लालू यादव के साले साधु यादव, बोले- झूठे आरोपों से मेरी छवि खराब की गई

Sadhu Yadav Defamation Notice Mritunjay Sharma Broken Promises Controversy
Sadhu Yadav Defamation Notice Mritunjay Sharma Broken Promises Controversy (Source: BBN24/Google/Social Media)

Ranchi/Patna: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री Lalu Prasad Yadav के साले व पूर्व सांसद Sadhu Yadav ने झारखंड भाजपा के इलेक्शन मैनेजमेंट चीफ Mrityunjay Sharma को 5 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा है। इस विवाद की जड़ बनी है मृत्युंजय शर्मा द्वारा लिखी गई चर्चित किताब ‘Broken Promises: Caste, Crime and Politics in Bihar’, जिसमें साधु यादव पर तीन गंभीर आपराधिक आरोप लगाए गए हैं।

किताब में लगाए गए ये 3 बड़े आरोप

साधु यादव के अनुसार, पुस्तक और 20 जून 2024 को हुए एक पॉडकास्ट में उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। किताब और इंटरव्यू में जो तीन आरोप सामने आए हैं, वे निम्न हैं:

  1. Gautam-Shilpi Murder Case – किताब में दावा किया गया है कि साधु यादव इस बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में शामिल थे, जबकि उन्हें CBI और कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है।
  2. JNU Firing Allegation – आरोप है कि साधु यादव ने JNU (Jawaharlal Nehru University) में छात्रों पर गोली चलाने का आदेश दिया था।
  3. Forced Loot in Daughter’s Wedding – तीसरा आरोप है कि लालू यादव की बेटी Rohini Acharya की शादी के दौरान साधु यादव ने एक शोरूम से जबरन कार, ज्वेलरी और फर्नीचर लूट लिए थे।

“यह मेरी छवि खराब करने की साजिश” – साधु यादव

साधु यादव ने नोटिस में लिखा है कि यह आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन और राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मृत्युंजय शर्मा सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं तो वे कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।

मृत्युंजय शर्मा का जवाब – “सच बोलने पर डराया जा रहा है”

वहीं, मृत्युंजय शर्मा ने साफ कहा है कि वे किसी भी सूरत में माफी नहीं मांगेंगे। उनका कहना है:

“Sadhu Yadav की प्रतिष्ठा क्या है, यह हर बिहारवासी जानता है। किताब रिसर्च और तथ्यों पर आधारित है। अगर कानून का डर दिखाकर सच को दबाने की कोशिश होगी, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा कि यह वही गुंडागर्दी और परिवारवाद की संस्कृति है जिसने लालू राज में बिहार को पीछे धकेला।

राजनीतिक हलकों में हलचल

यह विवाद बिहार और झारखंड दोनों राज्यों की राजनीति में हलचल मचा रहा है, खासकर उस समय जब झारखंड विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला अदालत तक जाता है या नहीं।

Share This Article
Exit mobile version