मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में एक बार फिर से आयोगों की बहार देखी जा रही है। लगातार नियुक्तियों के सिलसिले में आज दो अहम घोषणाएं की गईं—राज्य किसान आयोग और बिहार राज्य नागरिक परिषद का गठन। इन दोनों संस्थाओं में एनडीए और भाजपा नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
रूप नारायण मेहता बने किसान आयोग के अध्यक्ष
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पटना महानगर अध्यक्ष रूप नारायण मेहता को बिहार किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। इस संबंध में कृषि विभाग ने आज अधिसूचना जारी की, जिससे यह साफ हो गया कि आयोग पूरी तरह से सक्रिय रूप में कार्य करेगा। किसान हितों की निगरानी और योजनाओं की समीक्षा अब रूप नारायण की जिम्मेदारी होगी।
माधव आनंद को नागरिक परिषद में मिला बड़ा ओहदा
दूसरी ओर, बिहार राज्य नागरिक परिषद का भी गठन किया गया जिसमें कुल 32 सदस्य शामिल किए गए हैं। इस परिषद के संरक्षक राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और अध्यक्ष नीतीश कुमार हैं।
इस परिषद में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्र लोक जनता पार्टी (RLM) के नेता माधव आनंद को उपाध्यक्ष बनाया गया है। परिषद में कुल दो उपाध्यक्ष, सात महासचिव और 21 सदस्यों को नियुक्त किया गया है।
विपक्ष का आरोप – ‘रिश्तेदारवाद की मिसाल’
इन ताजपोशियों को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि सरकार सत्ता में रहते हुए केवल अपने सहयोगी दलों और करीबी नेताओं को लाभ पहुंचा रही है। विपक्ष ने इस पूरी प्रक्रिया को ‘रिश्तेदारवाद’ और ‘नियोजित सियासत’ का उदाहरण बताया है।
बिहार में नेताओं की नई ताजपोशी! माधव आनंद बने नागरिक परिषद के उपाध्यक्ष, रूप नारायण को मिला किसान आयोग का ताज pic.twitter.com/CiSP7AyA6w
— Rohit Mehta (@bloggermehta) June 23, 2025