राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख Lalu Prasad Yadav के बड़े बेटे Tej Pratap Yadav एक बार फिर खबरों की सुर्खियों में हैं। इस बार चर्चा की वजह कोई राजनीतिक रैली या बयान नहीं, बल्कि उनका भावनात्मक और प्रतीकात्मक पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर है, जिसे देखकर लोग राजनीतिक हलचलों की ओर इशारा कर रहे हैं।
आत्म-साक्षात्कार, राजनीति और ‘जयचंदों’ पर निशाना
शनिवार की सुबह तेज प्रताप यादव ने जो ट्वीट किया, वह किसी साधारण राजनीतिक बयान से कहीं ज्यादा था। उन्होंने लिखा:
“हमें सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है पर विजय सदा सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति की होती है। राजा हरिश्चंद्र ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को दोबारा प्राप्त किया। पांडवों…”
इस पोस्ट में राजा हरिश्चंद्र, महाभारत, और पांडवों का जिक्र कर तेज प्रताप ने खुद को धर्म और न्याय के पक्ष में खड़ा बताया। उन्होंने ‘राजनीतिक जयचंदों’ का भी अप्रत्यक्ष उल्लेख किया, जो संभवतः पार्टी के भीतर चल रही उठापटक की ओर संकेत करता है।
पहले भी कर चुके हैं भावनात्मक पोस्ट
इससे पहले तेज प्रताप ने एक और प्रेरणादायक उद्धरण साझा किया था:
“हमारे सभी सपने साकार हो सकते हैं; यदि हममें उन्हें पूरा करने का साहस हो।”
इन संदेशों को देखकर राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे हैं कि तेज प्रताप यादव किसी आंतरिक संघर्ष या पार्टी के भीतर अनदेखी से परेशान हैं और अब सार्वजनिक रूप से अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
तेज प्रताप की पोस्ट: राजनीतिक संदेश या निजी चेतावनी?
तेज प्रताप यादव अक्सर अपने ट्वीट्स के जरिए अपनी बात रखते हैं, लेकिन इस बार की भावुकता और धार्मिक प्रतीकात्मकता ने इसे खास बना दिया है। इन पोस्ट्स को न केवल आत्मचिंतन के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह संकेत भी मिल रहा है कि वह RJD में हो रही अंदरूनी राजनीति से आहत हैं।
राजनीतिक भविष्य की तलाश या नई राह?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप के इस प्रकार के ट्वीट किसी बड़े फैसले का संकेत हो सकते हैं। क्या वे अपने लिए एक अलग राह बनाने जा रहे हैं? क्या यह पोस्ट उनके राजनीतिक भविष्य की भूमिका तय करने वाला कदम है? इन सवालों के जवाब अभी भविष्य के गर्भ में हैं।
('सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति होता सदा विजय')
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 6, 2025
हमें सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है पर विजय सदा सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति की होती है। राजा हरीश चंद्र ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को दोबारा प्राप्त किया। पाडवों… pic.twitter.com/N6h2OYcs8o