भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ खेलों को लेकर नई नीति की घोषणा की है। नई व्यवस्था के तहत भारतीय खिलाड़ी और टीमें अब ऐसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों (International Tournaments) में हिस्सा ले सकेंगी, जिनमें पाकिस्तान के खिलाड़ी भी मौजूद होंगे। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में होने वाली किसी प्रतियोगिता या किसी भी द्विपक्षीय खेल आयोजन (Bilateral Sports Events) में वह हिस्सा नहीं लेगा।
वीज़ा पॉलिसी में ढील
खेल मंत्रालय (MYAS) ने गुरुवार को पुष्टि की कि खिलाड़ियों, टीम अधिकारियों, तकनीकी कर्मियों और अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों के पदाधिकारियों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। इन पदाधिकारियों को उनकी आधिकारिक अवधि के दौरान मल्टी-एंट्री वीज़ा (Multi-Entry Visa) मिलेगा, जिसकी अधिकतम अवधि पांच साल होगी।
एशिया कप और बढ़ते विवाद का संदर्भ
यह फैसला उस समय आया है जब 14 सितंबर को दुबई में होने वाले एशिया कप (Asia Cup 2025) में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे। यह मुकाबला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की “ऑपरेशन सिंदूर” कार्रवाई के बाद और भी संवेदनशील हो गया है। इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए।
भारत की स्पष्ट रणनीति
खेल मंत्रालय ने कहा कि भारत की नीति पाकिस्तान के साथ खेलों में भी वही है जो समग्र कूटनीति में अपनाई गई है। यानी न तो भारतीय टीमें पाकिस्तान में खेलेंगी और न ही पाकिस्तानी टीमों को भारत में द्विपक्षीय खेल आयोजन की अनुमति दी जाएगी।
हालांकि, भारत में आयोजित होने वाले बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में पाकिस्तान की टीमें भाग ले सकेंगी।
भारत को बनाना है ग्लोबल स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन
खेल मंत्रालय ने कहा कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन का भरोसेमंद स्थल बन चुका है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार चाहती है कि भारत को एक पसंदीदा ग्लोबल स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन (Global Sports Destination) बनाया जाए। इसी मकसद से वीज़ा नियमों में भी छूट दी गई है ताकि विदेशी खिलाड़ियों और अधिकारियों को भारत आने में कोई दिक्कत न हो।