ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump के फैसले ने Israel की स्थिति और भी कमजोर कर दी है। ईरान के परमाणु केंद्र Fordow पर हमले की योजना बना रहा इजरायल अब अमेरिकी समर्थन के अभाव में खुद को अकेला महसूस कर रहा है।
Trump ने ईरान पर सैन्य कार्रवाई के फैसले को दो हफ्तों के लिए टाल दिया है, जिससे Benjamin Netanyahu की रणनीति को झटका लगा है। इजरायली रक्षा बलों को उम्मीद थी कि अमेरिका अपने ‘बंकर बस्टर’ बमों के साथ हवाई हमला करेगा, लेकिन ट्रंप की अनिच्छा ने पूरे अभियान को खतरे में डाल दिया है।
Iron Dome और David’s Sling की हालत खराब, सुरक्षा में आई भारी कमी
ईरानी मिसाइल हमलों से बचाव के लिए इजरायल ने अपने उन्नत मिसाइल इंटरसेप्शन सिस्टम Iron Dome और David’s Sling का भारी इस्तेमाल किया है। लेकिन अब इनका स्टॉक आधे से भी कम रह गया है। इसके चलते इजरायली सुरक्षा एजेंसियों को केवल कुछ चुनिंदा इलाकों को प्राथमिकता देनी पड़ रही है।
बढ़ते मिसाइल हमलों से इजरायल के नागरिक क्षेत्र और रणनीतिक ठिकाने दोनों खतरे में हैं। इस स्थिति ने इजरायली अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। एयरस्पेस बंद है और कारोबार लगभग ठप हो चुका है।
क्या इजरायल अब अकेले करेगा हमला? नेतन्याहू के पास कम विकल्प
New York Times की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञ मानते हैं कि इजरायल अपने स्पेशल फोर्सेस को Fordow में भेजकर अंदर से हमला कर सकता है। हालांकि, पूर्व राजदूत Itamar Rabinovich का कहना है कि अमेरिका जैसी क्षमता के बिना इस तरह का कोई भी ऑपरेशन सीमित प्रभाव वाला होगा।
नेतन्याहू ने एक इंटरव्यू में कहा कि इजरायल अपने सभी परमाणु लक्ष्यों को निष्क्रिय करेगा, भले ही अमेरिकी सहायता मिले या न मिले। यह संकेत है कि इजरायल सैन्य ऑपरेशन को अंजाम तक ले जाने का इरादा रखता है।
जनता का साथ लेकिन संसाधनों की कमी
हालिया जनमत सर्वेक्षण और इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, युद्ध के चलते नेतन्याहू की Likud Party की लोकप्रियता में उछाल आया है। हालांकि, संसाधनों की कमी और ट्रंप के फैसले से बनी रणनीतिक देरी इजरायल के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
अब क्या करेगा इजरायल?
इजरायल के पास अब दो ही विकल्प हैं—या तो वह अकेले Fordow पर हमला करे, या ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कुछ समय के लिए नजरअंदाज कर युद्ध समाप्त करने की ओर बढ़े। लेकिन दूसरा विकल्प इजरायल के लिए और भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह ईरान को भविष्य में परमाणु बम बनाने की ओर बढ़ा सकता है।
ट्रंप की नीति बन सकती है नेतन्याहू के लिए सिरदर्द
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या Donald Trump का रणनीतिक समय टालना इजरायल के लिए भारी पड़ेगा? अगर अमेरिका जल्द कोई स्पष्ट समर्थन नहीं देता, तो इजरायल को अपने निर्णय खुद लेने होंगे—चाहे नतीजे जो भी हों।