बिहार के Gopalganj जिले में मंगलवार का दिन सर्पदंश की घटनाओं को लेकर डरावना साबित हुआ। बारिश के साथ ही ज़हरीले सांपों की सक्रियता बढ़ गई है और एक ही दिन में 13 लोगों को सांप ने डंस लिया। इनमें से दो महिलाओं – Babita Devi और Malawati Devi की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि अन्य 11 की जान समय पर इलाज से बचाई जा सकी।
सुबह बथान जाते समय बबीता देवी को तीन बार सांप ने डंसा
उचकागांव की रहने वाली 41 वर्षीय बबीता देवी मंगलवार की सुबह अपने बथान (मवेशियों के ठहरने की जगह) जा रही थीं। इसी दौरान उनका पैर एक जहरीले सांप पर पड़ गया, जिसने उन्हें तीन बार डंसा। वे मौके पर ही बेहोश हो गईं। परिजन उन्हें तुरंत Gopalganj Sadar Hospital ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घर में काम कर रहीं मलावती देवी की भी गई जान
दूसरी घटना डेरवा गांव, फुलवरिया की है, जहां 45 वर्षीय मलावती देवी को उस वक्त सांप ने काट लिया जब वह अपने घर में घरेलू काम कर रही थीं। उन्हें पहले स्थानीय अस्पताल और फिर सदर अस्पताल ले जाया गया, पर ज़हर शरीर में फैल चुका था। इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
ग्रामीण इलाकों में लगातार बढ़ रहे केस, ओझा-तांत्रिक पर भरोसा बना जानलेवा
बरौली, बैकुंठपुर, जादोपुर, मांझा, मीरगंज और थावे जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। डॉक्टरों ने अब तक 11 मरीजों की जान तो बचा ली है, लेकिन गांवों में जागरूकता की भारी कमी है। लोग अब भी मेडिकल सहायता की जगह ओझा-तांत्रिक के चक्कर में पड़ जाते हैं, जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ जाती है।
स्वास्थ्य विभाग की अपील: सर्पदंश की स्थिति में तुरंत अस्पताल जाएं
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने अपील की है कि सर्पदंश की स्थिति में लोग बिना देरी के अस्पताल पहुंचे और घरेलू इलाज या झाड़-फूंक से बचें। जल्द इलाज से जान बचाई जा सकती है, लेकिन देरी जानलेवा हो सकती है।