पुरी: ओडिशा के पुरी में रविवार को भगवान Jagannath की ऐतिहासिक रथ यात्रा के दौरान एक बेहद दर्दनाक हादसा हो गया। श्रद्धा और आस्था से लबरेज इस पावन यात्रा के दौरान Gundicha Temple के पास मची भगदड़ में 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
सुबहे 4 बजे से 5 बजे के बीच हुआ हादसा
यह भीषण हादसा रविवार सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच हुआ, जब लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे। भगदड़ की चपेट में आए अधिकांश श्रद्धालु 60 वर्ष से अधिक आयु के बताए जा रहे हैं।
भीड़ में फंसे श्रद्धालुओं ने सुनाई दास्तां
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, Gundicha Temple के समीप पहले से ही भारी भीड़ जमा थी। उसी दौरान अचानक दो ट्रकों के जबरन अंदर घुसने से अफरा-तफरी मच गई। संकरी जगह, रथों के पास बिखरे ताड़ के लट्ठे और पुलिस की कम मौजूदगी ने हालात को और बिगाड़ दिया।
मारे गए श्रद्धालुओं की पहचान
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतकों की पहचान Premkant Mohanty (80), Basanti Sahu (36) और Prabhati Das (42) के रूप में हुई है। घायलों में से 9 की हालत गंभीर बताई जा रही है और कई को Intensive Care Unit (ICU) में रखा गया है।
Naveen Patnaik का कड़ा बयान
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष Naveen Patnaik ने हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट किया –
“मैं पुरी में हुई इस दुखद भगदड़ में मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। यह घटना दर्शाती है कि सरकार रथ यात्रा जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है।”
I extend my heartfelt condolences to the families of the three devotees who have lost their lives in the tragic stampede at Saradhabali, #Puri and I pray to Mahaprabhu Jagannatha for the swift recovery of the devotees injured in this devastating incident.
Today’s stampede,…
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) June 29, 2025
एक दिन पहले भी थी हेल्थ इमरजेंसी
गौरतलब है कि इस हादसे से ठीक एक दिन पहले पुरी में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करनी पड़ी थी, जब भीषण गर्मी और भीड़ की वजह से 750 से ज्यादा श्रद्धालु बेहोश हो गए थे। उनमें से 230 को Infectious Disease Hospital (IDH) और 520 को District Headquarters Hospital (DHH) में भर्ती किया गया था।
प्रशासन के हाथ-पैर फूले, उच्चस्तरीय जांच के आदेश
घटना के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की गई है। लेकिन स्थानीय लोगों और भक्तों का गुस्सा प्रशासन की तैयारियों पर बरकरार है।
एक चश्मदीद का दर्दनाक बयान
एक पीड़ित ने रोते हुए बताया – “मेरी पत्नी की मौत मेरी आंखों के सामने हुई, लेकिन ना पुलिस ने मदद की, ना अग्निशमन दल आया और ना ही डॉक्टर। ऐसा दर्द बयां नहीं किया जा सकता।”