बिहार में इस साल होने वाले Assembly Election 2025 से पहले सियासी हलचलें तेज हो चुकी हैं। इस बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चला है। पार्टी प्रवक्ता Arvind Nishad को Fishermen Commission (मछुआरा आयोग) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति उस समय हुई है जब पूर्व में नामित सदस्य Vidya Sagar Singh Nishad ने आयोग का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था।
विद्यासागर सिंह के इनकार के बाद अरविंद को मिली जिम्मेदारी
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने 31 मई 2025 को मछुआरा आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की थी। पहले इस आयोग के लिए Vidya Sagar Singh Nishad को नामित किया गया था। लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से आयोग में सदस्यता लेने से मना कर दिया। इसके बाद विभाग ने संशोधित अधिसूचना जारी कर JDU प्रवक्ता Arvind Nishad को आयोग का अध्यक्ष बना दिया।
पिछड़ा वर्ग आयोग में भी निभा चुके हैं भूमिका
Arvind Nishad पहले अति पिछड़ा वर्ग आयोग में सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं और पार्टी में उन्हें निषाद समुदाय के एक मजबूत और विश्वसनीय चेहरे के तौर पर देखा जाता है। उनकी नियुक्ति को JDU की ओर से निषाद समाज को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, खासकर चुनावी माहौल में।
क्या है JDU की रणनीति?
नीतीश कुमार की JDU हमेशा से सामाजिक समीकरणों पर खास ध्यान देती रही है। Arvind Nishad की इस नियुक्ति से यह साफ हो रहा है कि पार्टी आगामी चुनाव से पहले निषाद समुदाय को अपने पक्ष में मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। यह नियुक्ति न सिर्फ चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है, बल्कि मछुआरा समुदाय में भी सकारात्मक संदेश दे सकती है।