गर्मियों की तपिश और शहरी शोरगुल से दूर अगर आप नेचर के करीब, ठंडी और शांत जगहों की तलाश कर रहे हैं तो शिमला-मनाली जाने की जरूरत नहीं। बिहार के रोहतास जिले में स्थित सासाराम और उसके आसपास के क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता, झरनों और पहाड़ियों के चलते अब नए टूरिस्ट हॉटस्पॉट बनकर उभर रहे हैं।
यहां मौजूद 5 लोकप्रिय प्राकृतिक स्थल ना सिर्फ बिहारवासियों बल्कि देशभर के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। आइए जानें इन खास लोकेशंस के बारे में—
मंजहर कुंड – हरी पहाड़ियों में बसा ठंडा जलकुंड
सासाराम से 15 किलोमीटर दूर कैमूर की तलहटी में स्थित Manjhar Kund गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा भीड़ खींचने वाला स्थान बन चुका है। सावन और राखी के दौरान यहां मेला लगता है। झरने का ठंडा पानी, चारों ओर हरियाली और सुकून देने वाली हवाएं इसे पिकनिक और फैमिली टूर के लिए परफेक्ट बनाती हैं।
धुआं कुंड – बिहार का ‘नेचुरल एयर कंडीशनर’
सासाराम से 10 किलोमीटर की दूरी पर Dhuaan Kund स्थित है। यह झरना 37 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और पानी की बौछार जब चट्टानों से टकराती है, तो ठंडी हवा का अहसास कराती है। कपल्स, ट्रेकिंग लवर्स और युवाओं के बीच यह जगह तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
तुतला भवानी जलप्रपात – प्रकृति और आस्था का मिलन
Tutla Bhawani Waterfall, तिलौथू प्रखंड में स्थित है, जो सासाराम से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां एक तरफ जहां पवित्र Tutla Bhawani Mandir धार्मिक महत्व रखता है, वहीं दूसरी ओर जलप्रपात और जंगल का नैचुरल व्यू पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह जगह फोटोग्राफी और मेडिटेशन के लिए भी बेहद खास है।
कशिश जलप्रपात – 800 फीट ऊंचाई से गिरता अद्भुत झरना
रोहतास के अमझोर इलाके में स्थित Kashish Waterfall लगभग 800 फीट की ऊंचाई से गिरता है। यह अभी तक आम पर्यटकों की नजर से दूर है, लेकिन ट्रेकिंग और एडवेंचर पसंद करने वालों के लिए यह छिपा हुआ खजाना है। चारों तरफ घना जंगल और पहाड़ियों से घिरी यह जगह आत्मशांति का अनुभव कराती है।
गीता घाट – ध्यान, योग और आत्मचिंतन का स्थान
नौहट्टा प्रखंड और सासाराम की सीमा पर स्थित Geeta Ghat Waterfall, करमचट डैम के पास बसा हुआ है। यहां Geeta Ghat Ashram की उपस्थिति इस स्थान को एक आध्यात्मिक टच देती है। शांत वातावरण, झरना, जंगल और एकांत – यह सब कुछ उन्हें पसंद आएगा जो खुद के साथ वक्त बिताना चाहते हैं।
प्रशासन की योजना: बनेगा बिहार का नया इको-टूरिज्म हब
रोहतास जिला प्रशासन इन पर्यटन स्थलों को इको-टूरिज्म के तौर पर विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत—
- लोकल गाइड की ट्रेनिंग
- स्वच्छता अभियान
- ऑनलाइन सूचना प्लेटफॉर्म
- सड़क कनेक्टिविटी
- सुरक्षा और कैम्पिंग फैसिलिटी
जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जिससे इन लोकेशंस को अंतरराज्यीय पर्यटन मानचित्र पर लाया जा सके।
निष्कर्ष:
बिहार अब केवल ऐतिहासिक स्थलों के लिए ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक और हिल स्टेशन जैसे अनुभवों के लिए भी जाना जाने लगा है। अगर आप कम बजट में nature trip की सोच रहे हैं, तो इस बार सासाराम और रोहतास आपके ट्रैवल लिस्ट में जरूर होना चाहिए।