बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) को लेकर महागठबंधन (Mahagathbandhan) ने अपनी रणनीति लगभग तय कर ली है। सूत्रों के अनुसार इस बार भी 2020 के सीट बंटवारे के फॉर्मूले को ही लागू किया जाएगा। राजद (RJD), कांग्रेस (Congress), वाम दल (Left Parties) समेत अन्य सहयोगी दलों के बीच पुराने फॉर्मूले को आधार बनाकर ही गठबंधन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
15,000 से ज्यादा अंतर से हारी सीटों पर होगा बड़ा फेरबदल
गठबंधन के उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि 2020 के चुनाव में जिन सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार 15,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से हारे थे, उन सीटों की खास समीक्षा की जाएगी। उन सीटों पर या तो उम्मीदवार बदले जाएंगे या फिर किसी अन्य पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की रणनीति अपनाई जाएगी।
RJD करेगी नेतृत्व, कांग्रेस और वाम दलों को मिलेगा सम्मानजनक हिस्सा
राजद इस बार भी महागठबंधन में सबसे बड़ा दल होगा और सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगा। कांग्रेस को पिछली बार से कुछ कम सीटें मिलने की संभावना है, लेकिन सभी सहयोगियों को “सम्मानजनक हिस्सेदारी” देने की बात कही जा रही है। वामपंथी दलों को उनकी ताकत और प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता दी जाएगी।
सीट जीतने की क्षमता होगी पैमाना
सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन अब ‘सेट सीट फॉर्मूला’ से हटकर ‘सेट उम्मीदवार फॉर्मूला’ पर विचार कर रहा है। इसका मतलब ये है कि जहां जिस पार्टी के पास जीतने वाला मजबूत उम्मीदवार होगा, वहां उसे मौका दिया जाएगा, चाहे वह सीट पहले किसी और दल के खाते में रही हो।
नीतीश कुमार के NDA से अलग होने के बाद नई गणित
बिहार की राजनीति में इस बार नीतीश कुमार का रोल बेहद अहम माना जा रहा है। उनके NDA से अलग होकर फिर से विपक्षी गठबंधन के साथ जुड़ने के बाद समीकरणों में बड़ा बदलाव हुआ है। अगर वे महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो सीट शेयरिंग में एक नई परत जुड़ सकती है।