बिहार पुलिस को एक बार फिर एक ऐसा नेतृत्व मिला है जो अपनी ईमानदार छवि, सख्त रवैये और बेधड़क फैसलों के लिए जाना जाता है। हम बात कर रहे हैं 2005 बैच के आईपीएस अफसर जितेंद्र राणा की, जिन्हें हाल ही में पटना रेंज का नया IG नियुक्त किया गया है।
Appointments Committee of the Cabinet (ACC) द्वारा उन्हें IG रैंक में इंपैनल किया गया है, जो यह दिखाता है कि उनकी कार्यशैली को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल रही है।
बाहुबली विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी में अहम भूमिका
जब जितेंद्र राणा पटना के SSP थे, तब उन्होंने बाहुबली विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी की रणनीति तैयार की थी। उन्होंने एक हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन की रूपरेखा बनाई, लेकिन गिरफ्तारी से एक दिन पहले उनका तबादला कर दिया गया। फिर भी, उनकी बनाई योजना के तहत पुलिस ने सफलता पाई।
यह कदम साफ संदेश था कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
रैली में दंगा, हाथ में AK-47 – फिर भी कायम रहा नियंत्रण
एक बार पटना में एक राजनीतिक रैली के दौरान हालात बेकाबू हो गए। उस वक्त IPS जितेंद्र राणा ने खुद AK-47 थामकर स्थिति पर नियंत्रण पाया। यह उनकी व्यक्तिगत बहादुरी और नेतृत्व क्षमता का जीता-जागता उदाहरण बन गया।
इस घटना के बाद से ही उन्हें “No Nonsense Officer” कहा जाने लगा।
पढ़ाई: DU से लेकर JNU तक, प्रशासन में आधुनिक सोच
जितेंद्र राणा ने स्नातक दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से किया और फिर जेएनयू से उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे प्रशासनिक कामों में पारंपरिक अनुभव के साथ-साथ डिजिटल टूल्स और सोशल मीडिया का भी बेहतरीन उपयोग करते हैं।
वे जनता से संवाद और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।
आने वाले दिनों में और बड़ी जिम्मेदारियां तय
पटना जैसे महत्वपूर्ण ज़ोन की कमान मिलना यह दर्शाता है कि जितेंद्र राणा को भविष्य में और भी बड़े पद मिल सकते हैं। वे सिर्फ एक पुलिस अधिकारी नहीं बल्कि ईमानदारी, नेतृत्व और साहस की मिसाल हैं।
उनका यह कार्यकाल बिहार पुलिस के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।