“तुम मुझे जानते नहीं हो!” RJD विधायक की धमकी का ऑडियो वायरल, मचा सियासी भूचाल

बिहार की राजनीति में गरमा-गरमी, विधायक भाई वीरेंद्र का पंचायत सचिव को जूते से मारने की धमकी, ऑडियो वायरल

Rjd Mla Bhai Virendra Threatens Officer Audio Viral
Rjd Mla Bhai Virendra Threatens Officer Audio Viral (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • वायरल ऑडियो में RJD विधायक की पंचायत सचिव को धमकी
  • “मैं तुम्हें जूते से मारूंगा” कहकर भड़के भाई वीरेंद्र
  • तेजस्वी यादव के करीबी नेता के व्यवहार पर उठे सवाल

बिहार की राजनीति एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में है। मनेर से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक भाई वीरेंद्र का एक कथित कॉल रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है। इस वायरल ऑडियो में वे एक पंचायत सचिव को गुस्से में आकर “जूते से मारने” की धमकी देते सुने जा रहे हैं।

हालांकि, BBN24 इस ऑडियो की पुष्टि नहीं की है, लेकिन रिकॉर्डिंग अब चौक-चौराहों से लेकर हर सोशल मीडिया ग्रुप में चर्चा का विषय बन गई है।

“तुम मुझे जानते नहीं हो!” – विधायक का ग़ुस्से भरा अंदाज़

वायरल ऑडियो की शुरुआत एक कॉल से होती है, जिसमें कॉल करने वाला खुद को भाई वीरेंद्र बताता है। वह सराय बलुआं के पंचायत सचिव से कहता है – “तुम मुझे जानते नहीं हो, मैं तुम्हें जूते से मारूंगा, तुम्हें प्रोटोकॉल का ज्ञान नहीं है?”

इसके बाद, पंचायत सचिव भी पीछे नहीं हटते और जवाबी तेवर में विधायक से सवाल करने लगते हैं। कुछ ही क्षणों में यह बातचीत तू-तू, मैं-मैं में बदल जाती है।

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तेजस्वी के करीबी विधायक पर अब उठ रहे हैं सवाल

भाई वीरेंद्र, जिन्हें लालू प्रसाद यादव का करीबी और तेजस्वी यादव का समर्थक माना जाता है, हमेशा सत्ता पक्ष को लोकतंत्र की मर्यादा का पाठ पढ़ाते रहे हैं। लेकिन इस वायरल ऑडियो ने उनके व्यवहार और भाषा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या जनप्रतिनिधियों को आम नागरिकों से इस तरह बात करने का विशेषाधिकार मिल गया है? क्या सत्ता में होने का मतलब जनता पर चिल्लाने की छूट मिल जाती है?

राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा और चर्चा दोनों

इस मामले को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक दलों ने चुप्पी साध रखी है, वहीं जनता के बीच इस ऑडियो को लेकर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग इसे एडिटेड ऑडियो बता रहे हैं तो कुछ इसे सत्ताधारी नेता की असली मानसिकता कह रहे हैं।

वहीं पंचायत सचिव की हिम्मत की भी सराहना हो रही है कि उन्होंने विधायक के दबाव में झुकने से इनकार कर दिया।

जांच की मांग, कार्रवाई की उम्मीद

राजनीतिक मर्यादा, लोकतांत्रिक गरिमा और भाषा की सीमा पर फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग जानना चाहते हैं कि क्या इस तरह की धमकियों पर कोई कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी “राजनीतिक बयानबाज़ी” कहकर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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