अब ATM से मिलेगा राशन: सरकार ने लॉन्च किया Annapurti ATM, खत्म होंगी लंबी लाइनें

बिना लाइन लगे मशीन से मिलेगा 50 किलो तक राशन, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश

Savitri Mehta
Annapurti Atm Ration Distribution India
(Image Source: Social Media Sites)
Highlights
  • Annapurti ATM से अब ATM की तरह मिलेगा राशन
  • एक बार में 50 किलो तक चावल या गेहूं उठाया जा सकेगा
  • पारदर्शिता, गति और भ्रष्टाचार-रहित वितरण प्रणाली होगी

नई दिल्ली। भारत सरकार ने जनकल्याण और टेक्नोलॉजी के समावेश की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए “Annapurti ATM” नामक योजना की शुरुआत की है। इस स्वचालित मशीन के जरिए अब लाभार्थियों को राशन — जैसे चावल और गेहूं — एटीएम की तर्ज पर मिलेगा। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह पहल देश के PDS सिस्टम में पारदर्शिता और रफ्तार लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

क्या है Annapurti ATM और कैसे करेगा काम?

Annapurti ATM एक स्वचालित अनाज वितरण मशीन है जिसमें पूर्व-भरे चावल, गेहूं जैसे खाद्य पदार्थ होते हैं। उपयोगकर्ता अपने राशन कार्ड, आधार कार्ड या बायोमेट्रिक पहचान से मशीन को एक्सेस कर सकते हैं। इसके बाद कुछ ही मिनटों में वे अधिकतम 50 किलो तक का राशन प्राप्त कर सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी और मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह खत्म कर देगी।

क्या होंगे इस योजना के फायदे?

  1. लाइन से आज़ादी: राशन लेने के लिए अब घंटों कतार में लगने की जरूरत नहीं होगी।
  2. तेज़ और पारदर्शी वितरण: प्रक्रिया डिजिटल होगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
  3. भ्रष्टाचार पर लगाम: राशन चोरी, कालाबाजारी और फर्जी लाभार्थियों की पहचान संभव होगी।
  4. डिजिटल इंडिया को बढ़ावा: इस पहल से भारत की डिजिटल सेवा प्रणाली को नई ऊंचाई मिलेगी।
  5. समय की बचत: उपयोगकर्ता किसी भी समय मशीन से राशन निकाल सकते हैं, जिससे समय की बचत होगी।

कहां मिल रही है Annapurti ATM की सुविधा?

यह योजना अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ चुनिंदा राज्यों में शुरू की गई है। सरकार का लक्ष्य है कि सफलता के बाद इसे पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए। इसके लिए राज्यों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है।

आगे क्या है योजना में?

सरकार ने बताया है कि आने वाले महीनों में “Annapurti ATM” का विस्तार ग्रामीण इलाकों, शहरी स्लम क्षेत्रों, और दूरदराज़ के गांवों तक किया जाएगा, ताकि राशन वितरण में समावेश और पारदर्शिता आ सके।

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