41 साल बाद भारत की अंतरिक्ष में ऐतिहासिक वापसी! Shubanshu Shukla बने देश के नए ‘Space Hero’

39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने रचा इतिहास, भारत ने रचा नया अध्याय

Shubanshu Shukla Axiom Mission 4 Spaceflight
Shubanshu Shukla Axiom Mission 4 Spaceflight (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • Shubanshu Shukla बने भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री
  • 41 साल बाद भारत ने फिर से अंतरिक्ष में बढ़ाया कदम
  • NASA-ISRO-Axiom और SpaceX का ऐतिहासिक गठबंधन

Shubanshu Shukla ने रचा इतिहास! 41 साल के लंबे अंतराल के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में पहुंचा है। इससे पहले Rakesh Sharma ने 1984 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी। अब Axiom Mission 4 के ज़रिए भारत ने फिर से आसमान को छूने की उड़ान भरी है।

शुभांशु शुक्ला का सपना हुआ साकार

Lucknow निवासी Shubanshu Shukla, जिन्हें मिशन में “Shuks” कॉल साइन मिला है, इस उड़ान में बतौर पायलट शामिल हुए हैं। उड़ान से पहले CBC News Canada को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा –
“जब मैंने अंतरिक्ष सूट पहना और कंधे पर तिरंगा देखा, तो मेरी आंखें भर आईं। यह मेरे लिए नहीं, पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है।”

NASA और ISRO की ऐतिहासिक साझेदारी

Axiom Space द्वारा संचालित यह मिशन NASA और ISRO के सहयोग से तैयार किया गया है। यह बताता है कि भारत अब निजी क्षेत्र के माध्यम से भी अंतरिक्ष यात्रियों को भेज सकता है। इस नई शुरुआत ने अंतरिक्ष की दिशा में भारत की रफ्तार को कई गुना बढ़ा दिया है।

Axiom Mission 4: स्पेसएक्स से होगी लॉन्चिंग

Axiom Mission 4 को Thursday, 26 जून को Kennedy Space Center, Florida से लॉन्च किया जाएगा। SpaceX Falcon 9 रॉकेट इस मिशन को अंतरिक्ष में ले जाएगा। Crew Dragon Capsule में 4 यात्री शामिल हैं – भारत के शुभांशु शुक्ला, अमेरिका की Peggy Whitson (पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री), और पोलैंड-हंगरी से दो अन्य यात्री।

राकेश शर्मा के बाद भारत का दूसरा अंतरिक्ष नायक

Shubanshu Shukla, Rakesh Sharma के बाद दूसरे भारतीय हैं जिन्होंने अंतरिक्ष में कदम रखा है। उन्होंने कहा, “मेरे कंधों पर एक अरब भारतीयों की उम्मीदें हैं। मैं चाहता हूं कि मेरी यह उड़ान देश के युवाओं को प्रेरित करे।”

निजी क्षेत्र के लिए ISRO की बड़ी पहल

2023 में ISRO ने स्पेस सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया। आज भारत में 250 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स सक्रिय हैं। Astrophysicist Somak Raychaudhury कहते हैं, “भारत अब केवल मिशन नहीं भेज रहा, बल्कि वैश्विक स्पेस पावर बनने की दिशा में बढ़ रहा है।”

चुनौतियां और उम्मीदें दोनों ऊंची

हालांकि भारत का स्पेस बजट सीमित है और वैश्विक बाजार में 2% हिस्सेदारी है, लेकिन लक्ष्य 2035 तक इसे 10% तक ले जाना है। Chandrayaan-3 की सफलता ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बना दिया।

अगले लक्ष्य: गगनयान, मंगल और शुक्र

Gaganyaan Mission 2025 में भारतीय अंतरिक्ष यात्री पहली बार तीन दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे। इसके बाद भारत अपने स्वयं के Space Station की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना पर काम कर रहा है। साथ ही भारत की नजर Mars और Venus मिशन पर भी है।


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