ब्रेस्ट कैंसर की चुपचाप बढ़ती आहट! एक स्टडी ने खोला महिलाओं की सेहत से जुड़ा खौफनाक राज

महिलाओं में बढ़ता मोटापा अब सिर्फ डायबिटीज या हार्ट अटैक तक सीमित नहीं, नई स्टडी ने बताया कैसे बढ़ा सकता है स्तन कैंसर का खतरा

Excess Weight Breast Cancer Risk Women Study
Excess Weight Breast Cancer Risk Women Study (Source: BBN24/Google/Social Media)

महिलाओं के लिए चेतावनी! अगर आपका वज़न लगातार बढ़ रहा है, तो यह केवल आपके दिल या शुगर के लिए ही नहीं, बल्कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है। World Health Organization (WHO) की हालिया रिसर्च में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि मेनोपॉज़ के बाद अधिक वजन वाली महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की पत्रिका ‘Cancer’ में सोमवार को प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, जिन महिलाओं का Body Mass Index (BMI) अधिक होता है, उनमें हार्मोन-रिसेप्टर पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर के केस ज्यादा सामने आए हैं। खास बात यह है कि टाइप-2 डायबिटीज की मौजूदगी या अनुपस्थिति का कोई खास असर इस जोखिम पर नहीं पड़ा।

क्यों बढ़ता है ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क मोटी महिलाओं में?

रिसर्च के मुताबिक, मेनोपॉज़ के बाद महिलाओं के शरीर में वसा ऊतक (fat tissue) से एस्ट्रोजन का उत्पादन बढ़ जाता है। यह अतिरिक्त एस्ट्रोजन हार्मोन ब्रेस्ट कैंसर के विकास को बढ़ावा देता है। यही वजह है कि हेल्दी वेट बनाए रखने वाली महिलाओं की तुलना में मोटी महिलाओं में यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

स्टडी में कौन-कौन सी बातें सामने आईं?

इस रिसर्च को WHO की International Agency for Research on Cancer के वैज्ञानिक Heinz Freisling ने लीड किया। रिसर्च में यूरोप और यूके की 168,547 रजोनिवृत्त महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया। ये महिलाएं रिसर्च की शुरुआत में न तो डायबिटीज से पीड़ित थीं और न ही हार्ट डिजीज से। लगभग 11 साल की फॉलोअप स्टडी के बाद, उनमें से 6,793 महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए।

दिल और वजन, दोनों का डबल अटैक

स्टडी में यह भी पाया गया कि जिन महिलाओं को पहले से हार्ट डिजीज थी और उनका वजन भी ज्यादा था, उनमें ब्रेस्ट कैंसर के 153 एक्स्ट्रा मामले प्रति 1 लाख लोगों पर हर साल सामने आए। यानी हार्ट डिजीज और मोटापा, दोनों मिलकर स्तन कैंसर की आशंका को और भी बढ़ा देते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण जो नजरअंदाज़ न करें

  • स्तन या उसके आसपास किसी गांठ का बनना या स्किन का मोटा होना
  • निप्पल का आकार बदलना, अंदर की ओर मुड़ना या फ्लैटन हो जाना
  • ब्रेस्ट की त्वचा में रंग का बदलाव — लाल, गुलाबी, या गहरा रंग
  • ब्रेस्ट के आकार और बनावट में बदलाव
  • ब्रेस्ट की स्किन में गड्ढा पड़ना या संतरे के छिलके जैसा दिखना
  • निप्पल या स्किन से पपड़ी बनना या छिल जाना

विशेषज्ञों की सलाह

डॉक्टरों और कैंसर रिसर्चरों का कहना है कि महिलाओं को समय-समय पर ब्रेस्ट स्क्रीनिंग करानी चाहिए, खासकर मेनोपॉज़ के बाद। अगर महिला को हार्ट डिजीज है, तो उसे अपना वजन घटाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस स्टडी के आधार पर भविष्य में ऐसे महिलाओं को वजन कम करने के ट्रायल में शामिल किया जा सकता है ताकि ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम संभव हो सके।

Disclaimer: यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी निर्णय से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।

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