इस साल 29 जुलाई 2025 को पड़ने वाली नाग पंचमी न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस दिन पांच विशेष योग बन रहे हैं जिनमें मंगला गौरी और नाग पंचमी का संयोग 44 वर्षों के बाद एक साथ पड़ रहा है।
कालसर्प योग से मुक्ति का श्रेष्ठ दिन
मान्यता है कि नाग पंचमी पर किए गए विशेष पूजन और उपायों से कालसर्प दोष से छुटकारा मिल सकता है। इस दिन भगवान शिव, मां पार्वती, नाग देवता और शक्ति की आराधना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है जिनकी कुंडली में कालसर्प योग है।
जानिए पूजा का उत्तम मुहूर्त
इस बार नाग पंचमी के दिन सुबह 5:40 से 8:20 बजे तक का समय पूजन के लिए सबसे उत्तम बताया गया है। इस दौरान भगवान शिव के मंत्रों और नाग गायत्री मंत्र का जाप करना अत्यंत कल्याणकारी रहेगा।
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नाग पंचमी पर करें ये खास उपाय
घर के मेनगेट पर सर्प की आकृति बनाएं
इस दिन गोबर, मिट्टी या गेरू से घर के प्रवेशद्वार पर सर्प की आकृति बनाकर विधिपूर्वक पूजा करें। इससे आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और कालसर्प दोष के प्रभाव कम होते हैं।
राहु और केतु मंत्रों का जाप करें
इस दिन ‘ॐ रां राहवे नमः’ और ‘ॐ कें केतवे नमः’ मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। इससे ग्रहदोषों का निवारण होता है।
भैरव बाबा की पूजा
नाग पंचमी पर भैरव बाबा की पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है। इस दिन उन्हें कच्चा दूध अर्पित करें।
मंदिर में झाडू लगाएं
धार्मिक स्थलों जैसे शिव मंदिर या नागदेवता के मंदिर में जाकर झाड़ू लगाएं और सीढ़ियों पर पौछा लगाना पुण्यदायी माना जाता है।
📌 डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं और जनमानस में प्रचलित परंपराओं पर आधारित हैं। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
अगर आप नाग पंचमी पर कालसर्प दोष से मुक्ति या सुख-समृद्धि की कामना रखते हैं, तो इस दुर्लभ अवसर को न चूकें।