‘शिव के बाद लालू ही धरती के भगवान’: RJD MLC Urmila Thakur का बयान चुनाव से पहले मचा रहा बवाल

राजद एमएलसी उर्मिला ठाकुर ने Lalu Prasad Yadav की तुलना भगवान शिव से करते हुए उन्हें ‘जिंदा भगवान’ बताया, कहा— गरीब की बेटी को सत्ता तक पहुंचाने वाले वही हैं।

Lalu Prasad Yadav Living God Controversial Statement Urmil Thakur
Lalu Prasad Yadav Living God Controversial Statement Urmil Thakur (Source: BBN24/Google/Social Media)

बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है और इसी कड़ी में RJD की एमएलसी Urmila Thakur का एक बयान सुर्खियों में है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री Lalu Prasad Yadav को ‘धरती का जिंदा भगवान’ करार दिया है। इतना ही नहीं, उन्होंने Lalu Yadav की तुलना सीधे Lord Shiva से कर दी।

उर्मिला ठाकुर मुजफ्फरपुर के गायघाट इलाके में Dr. B.R. Ambedkar की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में पहुंची थीं, जहां उन्होंने मंच से अपनी भावनाएं ज़ाहिर कीं। उन्होंने कहा, “शिव के बाद अगर कोई जिंदा भगवान हैं जो धरती पर रहकर आशीर्वाद देते हैं, तो वो लालू प्रसाद यादव हैं। जिस पिता की बेटी उर्मिला ठाकुर है, जो दाढ़ी बनाने का काम करते थे, उसे इस सदन की कुर्सी तक पहुंचाने वाले लालू ही हो सकते हैं।”

लालू को बताया कलियुग का ‘भगवान’, शिव से की तुलना

कार्यक्रम के दौरान Urmila Thakur ने धार्मिक उदाहरण देते हुए कहा, “शिव गरीबों के देवता हैं, उनके रथ पर बैल है, मइया की सवारी बाघ है, फिर भी दोनों में शांति है। शिव के गले में नाग है, कार्तिकेय की सवारी मोर है लेकिन वे भी एक-दूसरे को नहीं खाते। यही समरसता और सहिष्णुता का उदाहरण लालू प्रसाद यादव ने राजनीति में पेश किया है।”

भीष्म, कृष्ण और राम से तुलना, कहा— लालू का स्थान कोई नहीं ले सकता

अपने बयान को आगे बढ़ाते हुए उर्मिला ठाकुर ने Mahabharata और Ramayana के पात्रों का उदाहरण देते हुए कहा, “जिस तरह भीष्म पितामह, भगवान श्रीकृष्ण और मर्यादा पुरुषोत्तम राम की कोई जगह नहीं ले सका, उसी तरह बाबू लालू प्रसाद यादव का भी कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा, “बहुत सारे एमएलए, एमपी, मंत्री, प्रधानमंत्री आए और गए, लेकिन लालू जी जैसा गरीबों का मसीहा कोई नहीं हुआ और ना होगा।”

बयान ने बढ़ाया सियासी तापमान

चुनाव से पहले आए इस बयान ने Bihar Politics में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई राजनीतिक दलों ने इस पर आपत्ति जताई है। कुछ ने इसे भक्ति बताया तो कुछ ने इसे “अंधभक्ति” करार दिया।

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