बिहार में मॉनसून ने दस्तक देते ही कोसी और सीमांचल इलाके को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। सुपौल जिले के वीरपुर बराज से होकर बहने वाली कोसी नदी का जलस्तर सोमवार को पहली बार 1 लाख 6 हजार क्यूसेक पार कर गया। सुबह 10 बजे इसका जलस्तर 1.04 लाख क्यूसेक था जो शाम होते-होते और बढ़ गया। इसका मुख्य कारण जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश है।
टेढ़ागाछ में चढ़ा पानी, कनकई और रतवा नदी से गांवों में कटाव का खतरा
किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में रविवार रात से हो रही रुक-रुक कर बारिश के चलते रतवा और कनकई नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रतवा नदी के किनारे बसे धापरटोला, रामपुर, सुहिया जैसे गांवों में लोगों को अब तट कटाव का खतरा सता रहा है। हरहरिया जैसे गांव में भी भय का माहौल है।
अररिया में फिर टूटा बकरा नदी का चचरी पुल, नाव ही बना सहारा
अररिया के सिकटी प्रखंड में बकरा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने से पड़रिया घाट पर बना चचरी पुल बह गया है। पिछले साल करोड़ों की लागत से जो पुल बना था, वह पहले ही ध्वस्त हो चुका है। अब ग्रामीणों को नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ रही है। बीडीओ परवेज आलम और सीओ मनीष कुमार चौधरी के अनुसार, फिलहाल जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन हालात गंभीर हैं।
गया के गांवों में घुसा पानी, निरंजना, फल्गु और मुहाने नदी स्थिर
गया में बीते तीन दिनों की तेज बारिश के कारण निरंजना, फल्गु और मुहाने नदी का पानी कई गांवों में घुस गया था। बोधगया के छाछ, बतसपुर, और घोंघरिया गांव प्रभावित हुए हैं। कई मिट्टी के घर गिर गए, वहीं सब्ज़ियों की फसलें बर्बाद हो गईं। डोभी इलाके में एक पुल में दरार आने के बाद आवागमन पर रोक लगा दी गई है। सोमवार-मंगलवार को बारिश थमने से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली है।