बिहार के पूर्णिया से सांसद Pappu Yadav ने वोटर लिस्ट के Special Intensive Revision (SIR) यानी विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण का जोरदार विरोध करते हुए जनता से इसका बहिष्कार करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि Booth Level Officer (BLO) या कोई भी चुनावकर्मी अगर गांव में आए, तो उन्हें दस्तावेज न सौंपें और गांव में प्रवेश न करने दें। सोशल मीडिया के ज़रिए उन्होंने युवाओं, दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों को विशेष तौर पर सतर्क रहने की बात कही।
चुनाव आयोग पर महायुद्ध की चेतावनी
Pappu Yadav ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चुनाव आयोग ने यह प्रक्रिया बंद नहीं की, तो वे “महायुद्ध” छेड़ेंगे। उन्होंने लिखा- “हम चुप नहीं बैठेंगे। आयोग एक संवैधानिक संस्था है लेकिन जब वह जनता के खिलाफ काम करे, तो उसका विरोध करना जनता का अधिकार है।”
गरीबों को किया जा रहा है निशाना
सांसद का कहना है कि यह पूरा अभियान गरीबों और पिछड़े वर्ग के लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित करने की साजिश है। उन्होंने सवाल किया कि जब गरीबों के पास जन्म प्रमाण पत्र ही नहीं होता, तो वे अपना और अपने बच्चों का दस्तावेज कहां से लाएंगे?
विपक्ष भी उठा रहा सवाल
राज्य में अक्टूबर-नवंबर में संभावित Bihar Assembly Elections से पहले चल रहे इस मतदाता सत्यापन अभियान पर विपक्ष ने भी सवाल उठाए हैं। RJD, Congress और लेफ्ट समेत कई दलों ने कहा है कि बाढ़ के मौसम में जब लोगों का घर से निकलना मुश्किल होता है, तब आयोग सिर्फ 25 दिन में रिवीजन करवा रहा है।
22 साल बाद हो रहा वोटर रिवीजन
चुनाव आयोग 2003 के बाद पहली बार वोटर लिस्ट में शामिल पुराने नामों का सत्यापन करवा रहा है। इसके तहत वोटरों को जन्म प्रमाण पत्र और पहचान से जुड़े अन्य दस्तावेज दिखाने होंगे। इस प्रक्रिया में अगर कोई दस्तावेज नहीं दे पाता है, तो उसका नाम सूची से हट सकता है।