प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक विशेष अदालत को बताया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष Sonia Gandhi और पार्टी नेता Rahul Gandhi ने मिलकर 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को हथियाने के लिए एक सोची-समझी साजिश रची। यह कथित साजिश Young Indian Pvt Ltd नामक कंपनी के जरिए अंजाम दी गई। यह खुलासा बुधवार को विशेष न्यायाधीश Vishal Gogne की अदालत में सुनवाई के दौरान हुआ।
ED की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल SV Raju ने Times of India की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा कि “Young Indian एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी थी, जिसमें Sonia और Rahul की 76% हिस्सेदारी थी। इस कंपनी ने कांग्रेस से 90 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर Associated Journals Ltd (AJL) के शेयर खरीद लिए।”
AJL वही कंपनी है जो कभी प्रतिष्ठित National Herald अखबार प्रकाशित करती थी। हालांकि, पिछले कुछ दशकों से यह घाटे में चल रही थी, लेकिन उसके पास देशभर में करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियां थीं। ED का दावा है कि Young Indian के पास खुद की 50 लाख रुपये की भी फाइनेंशियल कैपेसिटी नहीं थी, फिर भी इस पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज ट्रांसफर कर दिया गया।
SV Raju ने कोर्ट में कहा, “अगर किसी के पास 2000 करोड़ की संपत्ति हो और उस पर केवल 90 करोड़ का कर्ज हो तो वह कर्ज चुकाने के लिए संपत्ति बेच सकता है।” लेकिन यहां मकसद सिर्फ AJL की प्रॉपर्टी पर कब्जा करना था। उनका कहना है कि गांधी परिवार AJL और Young Indian दोनों पर नियंत्रण रखता था।
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि AJL ने कांग्रेस से कर्ज लेकर उसे चुकाने के बजाय Young Indian को अपने शेयर ट्रांसफर कर दिए और कंपनी का मालिकाना हक सौंप दिया। जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे लेन-देन में कई नकली किराया रसीदें, फर्जी अग्रिम भुगतान और कागजी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया।
इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि यदि AJL को पूर्व प्रधानमंत्री Jawaharlal Nehru द्वारा शुरू किया गया था, तो क्या यह खुद-ब-खुद गांधी परिवार को उस पर अधिकार दे देता है? इस पर SV Raju ने कहा, “नेहरू ने शुरू किया, इसका मतलब यह नहीं कि गांधी परिवार को कंपनी की संपत्ति हड़पने का अधिकार मिल गया।”