बिहार में आगामी चुनाव को देखते हुए विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में एक अनदेखा और जटिल मुद्दा सामने आया है—बहुओं का नाम मतदाता सूची में कैसे जोड़ा जाए, खासकर तब जब उनके माता-पिता जीवित न हों। यह मामला अब ससुराल और मायके के बीच टेंशन का कारण बन गया है।
बहुओं के नाम जोड़ने में BLOs परेशान, दस्तावेज नहीं तो फॉर्म अधर में
मीनापुर के एक बीएलओ (Booth Level Officer) ने बताया कि उनके पास ऐसा मामला आया है जिसमें बहू के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में मतदाता फॉर्म के साथ किसका दस्तावेज जोड़ा जाए, इसे लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है। अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है, लेकिन फिलहाल फॉर्म अधर में लटके हुए हैं।
जन्मतिथि के आधार पर भी उलझन, दस्तावेज की अनिवार्यता से परेशानी
1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे मतदाताओं के लिए किसी एक अभिभावक का दस्तावेज जरूरी है, जबकि 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे लोगों के लिए दोनों माता-पिता के दस्तावेज जरूरी कर दिए गए हैं। लेकिन सवाल यह है कि अगर माता-पिता जीवित न हों, तो किसका प्रमाण पत्र संलग्न करें?
BLOs कर रहे काम में ‘सेलेक्टिव अप्रोच’, जिनके दस्तावेज तैयार उन्हीं का नाम जुड़ रहा
मड़वन, कांटी और पारू के बीएलओ ने बताया कि उन्होंने शुरुआत ऐसे मतदाताओं से की है जिनके दस्तावेज तैयार हैं। इनका फॉर्म भरकर एप पर अपलोड किया जा रहा है ताकि उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट बेहतर दिखे। जटिल मामलों को फिलहाल ‘होल्ड’ पर रखा गया है।
दिल्ली में रह रहे परिजनों के दस्तावेज मंगाने की हो रही कोशिश
मड़वन के एक BLO ने बताया कि उनके इलाके में एक ऐसा परिवार मिला है, जिनके 9 सदस्य दिल्ली में रहते हैं। दस्तावेज व्हाट्सएप या ईमेल पर मंगवाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह प्रक्रिया भी काफी समय ले रही है।
50 से अधिक घरों में मिला ताला, BLOs के सामने रजिस्ट्रेशन की चुनौती
पारू, साहेबगंज और कांटी जैसे इलाकों में BLOs को 50 से अधिक ऐसे घर मिले हैं जहां ताला लटका हुआ है। ना कोई दस्तावेज देने वाला है, ना ही जानकारी देने वाला। BLOs सिर्फ सूचना चिपकाकर आगे बढ़ जा रहे हैं, जिससे मतदाता नाम जोड़ने का लक्ष्य अधूरा रह सकता है।
मतदाताओं के सवाल: बिना दस्तावेज कैसे होगा फॉर्म भरना?
बहुओं के साथ-साथ उन मतदाताओं में भी असमंजस है जिनके पास मूल दस्तावेज नहीं हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या सिर्फ आधार कार्ड से नाम जुड़ जाएगा? इस पर अधिकारियों की ओर से कोई स्पष्ट जवाब अब तक नहीं आया है।