बिहार में सरकारी सेवा में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सा पदाधिकारियों पर नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को हुई Bihar Cabinet Meeting में सात ऐसे डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जो बिना पूर्व सूचना के महीनों से ड्यूटी से गायब थे।
राज्य सरकार के इस सख्त फैसले के बाद स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों में भी हलचल मच गई है। यह निर्णय राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीरता को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि लापरवाही अब कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक
मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने सचिवालय के कैबिनेट हॉल में मंगलवार को एक अहम बैठक बुलाई थी। इस दौरान सरकार ने कुल 22 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर विशेष ध्यान दिया गया। इसी के तहत सात चिकित्सकों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।
किन डॉक्टरों पर गिरी गाज?
बर्खास्त किए गए डॉक्टरों के नाम और तैनाती स्थान इस प्रकार हैं:
- Dr. Ashish Kumar – खगड़िया सदर अस्पताल, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी
- Dr. Md. Firdaus Alam – महेशखुंड एपीएचसी, खगड़िया
- Dr. Jagriti Sonam – खगड़िया सदर अस्पताल
- Dr. Anamika Kumari – एसएनसीयू, लखीसराय सदर अस्पताल
- Dr. Anupam Kumar – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बरौनी, बेगूसराय
- Dr. Abhinav Kumar – नौवा एपीएचसी, हलसी, लखीसराय
इन सभी पर आरोप था कि ये डॉक्टर बिना किसी सूचना के लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित थे, जिससे मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही थी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर लगी मुहर
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के आधार पर ये निर्णय लिया गया। सातों चिकित्सा पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने नियमों की अनदेखी की है। राज्य सरकार ने इन्हें सेवा से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
सरकार का स्पष्ट संदेश: “लापरवाही नहीं चलेगी”
इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि नीतीश सरकार अब किसी भी विभाग में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी। खासकर स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में, जहां मरीजों की जान से जुड़ा सवाल होता है, वहां की गई लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई तय है।