Nalanda News: बिहार के नालंदा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां फार्मा कंपनी में कार्यरत एक कर्मचारी ने फर्म के नाम में मामूली हेरफेर कर ₹40 लाख की ठगी को अंजाम दे डाला। लहेरी थाना पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी Ravi Shankar Kumar और उसकी पत्नी Julie Kumari alias Juhi Kumari को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़ित व्यापारी Rupesh Kumar Singh, जो ‘Shri Sai Pharma’ नामक दवा थोक दुकान चलाते हैं, ने बताया कि उन्होंने रवि शंकर को अपने प्रतिष्ठान में बतौर कर्मचारी नियुक्त किया था। लेकिन रवि ने ‘Shri’ की जगह ‘Shree’ लिखकर एक नया फर्जी बैंक खाता खोल लिया।
कैसे हुआ ₹40 लाख का गबन?
रवि शंकर ने ना केवल फर्म के नाम से मेल खाता नया अकाउंट खोला, बल्कि ग्राहकों से मिले चेक में भी चालाकी से बदलाव करता रहा। ‘Shri’ को ‘Shree’ में बदलकर वह चेक अपने नए खाते में जमा करता और पैसे अपनी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर करवा देता।
जब व्यापारी ने बकायेदारों से बकाया राशि की मांग की तो पता चला कि अधिकतर भुगतान पहले ही रवि शंकर को हो चुके हैं। पूछताछ में रवि शंकर जवाब देने से कतराता रहा, जिससे शक और गहराया।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा, दोनों को भेजा गया जेल
फरवरी 2025 में Rupesh Kumar ने लहेरी थाना में दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद से दोनों फरार थे। लहेरी थानाध्यक्ष Ranjit Kumar Rajak ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
यह मामला क्यों है खास?
इस घटना ने दिखा दिया कि नाम में ज़रा सा फेरबदल करके भी बड़ा बैंकिंग फ्रॉड किया जा सकता है। यह साइबर और फाइनेंशियल सिक्योरिटी की दृष्टि से महत्वपूर्ण चेतावनी है, खासकर उन व्यापारियों के लिए जो कर्मचारियों पर बिना सत्यापन भरोसा करते हैं।