पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री Lalu Prasad Yadav के बड़े बेटे Tej Pratap Yadav एक बार फिर सुर्खियों में हैं। RJD और परिवार से निष्कासन के बाद अब उन्होंने अपने पिता की तस्वीर के साथ एक इमोशनल पोस्ट शेयर की है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
सोमवार देर रात उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लालू यादव की दीवार पर बनी तस्वीर के सामने दोनों हाथ फैलाए अपनी एक तस्वीर पोस्ट की। इस तस्वीर के साथ तेज प्रताप ने लिखा –
“अंधेरा जितना गहरा होगा, सुबह उतनी नजदीक होगी।”
“अंधेरा जितना गहरा होगा, सुबह उतनी ही नजदीक होगी।” #TejPratapYadav #Bihar #India pic.twitter.com/gAdlvZFtlb
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 9, 2025
अनुष्का यादव पोस्ट से शुरू हुआ विवाद
बात 25 मई 2025 की है, जब Tej Pratap Yadav ने Facebook पर Anushka Yadav नाम की एक युवती के साथ तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया था कि वे पिछले 12 सालों से रिश्ते में हैं। पोस्ट ने न सिर्फ RJD में हलचल मचाई बल्कि यादव परिवार में भी उथल-पुथल पैदा कर दी। कुछ घंटों में ही पोस्ट डिलीट कर दी गई। तेज प्रताप ने सफाई देते हुए कहा कि उनका अकाउंट हैक हो गया था और तस्वीरें AI-generated थीं।
लालू का कड़ा फैसला: पार्टी और परिवार से बाहर
26 मई को Lalu Prasad Yadav ने अपने बड़े बेटे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें RJD से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि तेज प्रताप को परिवार से भी बाहर किया जा रहा है। तेजस्वी यादव और रोहिणी आचार्य ने भी इस फैसले का समर्थन किया।
लगातार भावुक पोस्ट कर रहे तेज प्रताप
निष्कासन के बाद से Tej Pratap सोशल मीडिया पर लगातार भावनात्मक पोस्ट साझा कर रहे हैं।
- 1 जून को उन्होंने लिखा, “पापा, आप नहीं होते तो न ये पार्टी होती और न मेरे साथ राजनीति करने वाले जयचंद जैसे लोग।”
- 7 जून को उन्होंने अपने समर्थकों के साथ एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें लिखा था, “सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति होता सदा विजय।”
- उन्होंने Raja Harishchandra और Pandav का उल्लेख करते हुए सत्य की जीत की बात की थी।
लालू की तस्वीर के साथ ताजा संदेश ने फिर दिलाई याद
तेज प्रताप की ताजा पोस्ट में लालू यादव की बड़ी तस्वीर के नीचे खड़े होकर जो संदेश दिया गया है, वह अब समर्थकों और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उनका कहना है कि संकट का अंधकार गहराता है, तो उम्मीद की सुबह भी करीब होती है।