West Champaran, Bihar: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज क्षेत्र से एक चौंकाने वाला और सामाजिक बदलाव दर्शाने वाला मामला सामने आया है। यहां बरगजवा गांव में दो साल से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे प्रेमी युगल Ejaz Ansari और Samsun Khatoon का पंचायत में मौलवियों की मौजूदगी में निकाह (Nikah) कराया गया। इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ ग्रामीणों की सोच को उजागर किया, बल्कि परंपरा और आधुनिक रिश्तों के बीच सामंजस्य का नया उदाहरण भी पेश किया।
नरकटियागंज के वकील मियां के बेटे एजाज अक्सर अपने ननिहाल, बरगजवा गांव आया करता था। यहीं उसकी मुलाकात सुलेमान मियां की बेटी समसून खातून से हुई और धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम संबंध गहरे हो गए। एजाज ने समसून को भगाकर अपने घर ले गया, जहां दोनों ने तीन दिन साथ बिताए। लेकिन एजाज के परिवार ने इस रिश्ते को मानने से इनकार कर दिया।
सामाजिक दबाव के चलते एजाज ने समसून को नरकटियागंज स्टेशन पर छोड़ दिया। समसून ने वहीं हंगामा किया और अपने घरवालों को बुलाया। इसके बाद गांववालों ने मामले में हस्तक्षेप किया और दोनों को गांव बुलाकर पंचायत बैठाई।
पंचायत का फैसला और निकाह:
पंचायत में प्रमुख प्रतिनिधि चंदन साह, मुखिया प्रतिनिधि शेख राटा, सरपंच प्रतिनिधि आज़ाद अंसारी और पैक्स अध्यक्ष सुशील कुमार मौजूद रहे। पुलिस को भी सूचना दी गई, लेकिन पंचायत ने इसे आपसी सहमति से हल करने का निर्णय लिया। मौलवियों की मौजूदगी में एजाज और समसून का रीति-रिवाज से निकाह कराया गया।
परंपरा और आधुनिकता का मिलन:
इस घटना ने स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण समाज में अब लिव-इन रिलेशनशिप जैसे आधुनिक रिश्तों को भी समझने और स्वीकारने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। पंचायत के इस फैसले ने जहां एक ओर प्रेम संबंधों को मान्यता दी, वहीं दूसरी ओर सामाजिक मर्यादाओं का भी ध्यान रखा गया।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं की निगरानी जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समाज में ‘पकड़ुआ विवाह’ (Forceful Marriage) जैसी पुरानी कुरीतियों की वापसी न हो।