पटना: बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लाते हुए शनिवार को कई अहम घोषणाएं कीं, जिनका सीधा असर 94 लाख गरीब परिवारों पर पड़ेगा। जातीय सर्वेक्षण के बाद प्राप्त आर्थिक आंकड़ों के आधार पर नीतीश सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के गरीब तबके को अब रोजगार के लिए ₹2 लाख प्रति परिवार की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से शुरू होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले योजना थी कि यह काम पांच वर्षों में पूरा होगा, लेकिन अब मैं चाहता हूं कि सभी लाभार्थियों को एक साथ मदद दी जाए। मैंने अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया है। जरूरत पड़ी तो सहायता राशि को और भी बढ़ाया जाएगा।”
पेंशन और लोन में बड़ा बदलाव
नीतीश कुमार ने इससे पहले बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 प्रति माह करने का ऐलान किया था। साथ ही, Jeevika Didis को सस्ते दर पर लोन देने की योजना को भी विस्तार दिया गया है। अब उन्हें 3% ब्याज दर पर ₹5 लाख तक का लोन मिलेगा, जो पहले ₹3 लाख की सीमा में था।
94 लाख परिवारों की पहचान कैसे हुई?
वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा कराए गए caste-based survey के दौरान आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया गया था। सर्वे में यह सामने आया कि Savarna, OBC, EBC, Dalit, Mahadalit और Muslim समुदायों के कुल 94 लाख परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं।
सीएम का दावा:
“24 नवंबर, 2005 से सरकार में आने के बाद से हम लगातार समाज के हर वर्ग के लिए काम कर रहे हैं। महिलाओं और वंचित वर्गों को सशक्त करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। पहले की सरकारों ने राज्य के विकास के लिए कुछ नहीं किया,” – Nitish Kumar, Chief Minister of Bihar
महिला संवाद से मिला फीडबैक
मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले ग्रामीण विकास विभाग के सचिव Lokesh Kumar Singh ने ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर गांव-गांव जाकर महिलाओं से संवाद किया गया और उन्हें सरकारी योजनाओं से अवगत कराया गया। जिन लोगों को योजना का लाभ नहीं मिला, उन्हें चिन्हित कर लाभ दिलाने की प्रक्रिया तेज की गई।