Bihar Yuva Aayog: नीतीश कुमार की चुनावी चाल या युवा सशक्तिकरण की शुरुआत? जानिए अंदर की पूरी कहानी

विधानसभा चुनाव से पहले बिहार सरकार का बड़ा कदम, युवाओं के लिए बना ‘युवा आयोग’ देगा रोजगार, प्रशिक्षण और सलाह

Bihar Yuva Aayog Nitish Kumar Cabinet Big Decision Before Election
Bihar Yuva Aayog Nitish Kumar Cabinet Big Decision Before Election (Source: BBN24/Google/Social Media)

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को साधने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में राज्य सरकार ने Bihar Yuva Aayog के गठन को मंजूरी दे दी। इस आयोग का उद्देश्य राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना, उन्हें प्रशिक्षित करना और आत्मनिर्भर बनाना है।

CM नीतीश कुमार ने इस फैसले की जानकारी अपने Ex (पूर्व Twitter) हैंडल पर साझा की और बताया कि यह आयोग कैसे काम करेगा और इसके सदस्य कौन होंगे। आयोग युवाओं से जुड़े मुद्दों पर सरकार को सलाह देगा और सरकारी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।

युवाओं को मिलेगा नया प्लेटफॉर्म

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पोस्ट में लिखा –
“मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बिहार के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उन्हें प्रशिक्षित करने तथा सशक्त और सक्षम बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बिहार युवा आयोग के गठन का निर्णय लिया है।”
उन्होंने कहा कि यह आयोग न सिर्फ राज्य के भीतर निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दिलाने में मदद करेगा, बल्कि राज्य से बाहर पढ़ने और काम करने वाले युवाओं के हितों की भी रक्षा करेगा।

आयोग की संरचना और कार्य प्रणाली

  • आयोग में 1 अध्यक्ष, 2 उपाध्यक्ष, और 7 सदस्य होंगे
  • सभी सदस्यों की अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष रखी गई है
  • आयोग युवाओं से संबंधित हर विषय पर राज्य सरकार को सलाह देगा
  • सरकारी विभागों के साथ मिलकर शिक्षा, रोजगार और प्रशिक्षण योजनाओं पर काम करेगा

समाजिक बुराइयों पर भी नजर

आयोग को युवाओं के उत्थान के साथ-साथ समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म करने का भी जिम्मा सौंपा गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा –
“यह आयोग शराब और अन्य नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए कार्यक्रम तैयार करेगा और ऐसे मामलों में सरकार को सिफारिशें भेजेगा।”

क्या चुनावी रणनीति का हिस्सा है यह कदम?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला एक दूरदर्शी पहल है, लेकिन विधानसभा चुनाव 2025 से पहले लिया गया यह कदम युवाओं को लुभाने की रणनीति भी हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर Bihar Yuva Aayog सफल हुआ, तो यह सरकार की बड़ी उपलब्धि बन सकती है।


सारांश में: नीतीश कुमार की यह पहल जहां एक ओर बिहार के युवाओं को नया मंच देने का वादा करती है, वहीं यह चुनावी माहौल में एक अहम दांव भी मानी जा रही है। अब देखना यह होगा कि आयोग का गठन कितनी जल्दी होता है और यह कितनी प्रभावी भूमिका निभाता है।

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