बिहार के औरंगाबाद जिले में जिला परिवहन विभाग की एक अजीबो-गरीब कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है। मामला ऐसा है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। एक बुलेट Bullet जो झारखंड में खड़ी थी, उस पर बिहार में हेलमेट न पहनने का चालान काटा गया। वहीं, एक कार चालक Sunil Kumar Singh पर भी हेलमेट नहीं पहनने का 1,000 रुपये का जुर्माना ठोक दिया गया, जबकि वह चार पहिया वाहन चला रहे थे।
औरंगाबाद के कर्मा रोड निवासी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि उनकी four-wheeler पर कई महीने पहले एक हजार का चालान लगा। जब उन्होंने जानकारी ली तो पता चला कि यह फाइन हेलमेट न पहनने के कारण लगाया गया है। उन्होंने इसे कार्यालय में चुनौती दी, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। मामला तब सामने आया जब वह गाड़ी का प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे और जुर्माने की जानकारी मिली।
झारखंड में खड़ी बुलेट पर औरंगाबाद में लगा जुर्माना
माली थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव निवासी कुमार दीपक की Bullet (बाइक नंबर BR26R-3540) पर भी दो बार चालान लग चुका है। उनके भाई राकेश कुमार सिंह ने बताया कि 1 जुलाई को उनकी बाइक Daltonganj में खड़ी थी, जबकि चालान Aurangabad में हेलमेट न पहनने पर काटा गया।
चालान में जुर्माने की राशि कुछ इस प्रकार है —
- बीमा न होने पर ₹2000
- ड्राइविंग लाइसेंस न दिखाने पर ₹500
- हेलमेट न पहनने पर ₹1000
- सड़क सुरक्षा व प्रदूषण को लेकर ₹1000
कुल ₹4,500 का फाइन ठोका गया। लेकिन चालान में संलग्न तस्वीर से स्पष्ट है कि बाइक और व्यक्ति दोनों अलग हैं। इससे पहले भी 24 फरवरी 2025 को ऐसी ही गलती के तहत ₹1,000 का चालान लगाया जा चुका है।
नंबर प्लेट का दुरुपयोग या सिस्टम की खामी?
राकेश कुमार का कहना है कि उनकी बाइक पर लगे नंबर का कोई और व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा हो सकता है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि बिना जांच-पड़ताल के इस प्रकार जुर्माना लगाना गैर-जिम्मेदाराना है। चालान में जो तस्वीर है, उसमें बाइक का रंग, नंबर प्लेट का डिज़ाइन, और सामने लगे “बाबू साहेब” का बोर्ड — सब कुछ अलग है।
अधिकारी क्या कह रहे हैं?
जिला परिवहन अधिकारी Shailesh Kumar Das ने कहा कि यदि किसी वाहन पर गलत तरीके से चालान कटा है, तो वाहन मालिक विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जांच के बाद चालान निरस्त किया जा सकता है।
वहीं, यातायात उपाधीक्षक Manoj Kumar ने बताया कि शहर में गाड़ियों की नियमित चेकिंग होती है, लेकिन एनएच (नेशनल हाइवे) पर ऐसा कर पाना मुश्किल है। यदि किसी का नंबर प्लेट दूसरी जगह इस्तेमाल हो रहा है तो वे लिखित आवेदन देकर राहत पा सकते हैं। चालान में फोटो मौजूद होती है, जिससे मिलान संभव है।