बिहार में शिक्षक बहाली के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने के नीतीश सरकार के फैसले को लेकर चर्चित शिक्षाविद् और यूट्यूबर खान सर ने छात्रों की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला छात्रों के आठ महीने लंबे संघर्ष का नतीजा है। गर्दनीबाग में लाठीचार्ज हुआ, धरने हुए और आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा।
खान सर ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब अंत में यही फैसला होना था तो पहले क्यों नहीं हुआ? इससे यह प्रतीत होता है कि अधिकारी जानबूझकर समय नष्ट कर रहे थे।
टीआरई-3 रिजल्ट को लेकर उठी नई मांग
खान सर ने केवल तारीफ तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि एक और अहम मांग सरकार के समक्ष रख दी। उन्होंने कहा कि टीआरई-3 (TRE-3) का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जल्द से जल्द जारी किया जाना चाहिए। कई छात्र ऐसे हैं जिनके लिए यह आखिरी मौका था। वे मेरिट में आने के बावजूद नौकरी से वंचित रह गए। इसलिए टीआरई-4 से पहले यह रिजल्ट जारी होना चाहिए।
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चुनावी मौसम में नीतीश सरकार के लगातार फैसले
2025 के विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है। विधवा, दिव्यांग और बुजुर्गों की पेंशन ₹400 से ₹1100 कर दी गई है, 125 यूनिट फ्री बिजली योजना का ऐलान किया गया है, वहीं शिक्षा विभाग में काम कर रहे रसोइयों और शारीरिक शिक्षकों का मानदेय भी बढ़ाया गया है। अब शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा ने शिक्षार्थियों को राहत दी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि TRE-4 से डोमिसाइल नीति लागू होगी और बिहार निवासियों को प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने TRE-4 और TRE-5 की तिथियों का भी जिक्र किया और इसके पहले STET आयोजित करने के निर्देश दिए।
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विपक्ष का तंज और खान सर की शिक्षा नीति में सक्रियता
तेजस्वी यादव ने भी इस फैसले पर नीतीश सरकार को घेरा और कहा कि विपक्ष का डर अच्छा है। वहीं, खान सर ने हाल ही में हेल्थ सेक्टर में भी कदम रखते हुए बिहार के हर जिले में डायलिसिस सेंटर खोलने की योजना का एलान किया है।